एक तरफ न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर टकराव की चर्चा है तो दूसरी ओर न्यायपालिका में भी सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। पिछले एक हफ्ते में कई जजों ने रिटायर होने के दिन या उसके बाद कॉलेजियम को लेकर सवाल उठाया या किसी पूर्व चीफ जस्टिस पर हमला किया या मौजूदा चीफ जस्टिस की तारीफ की। एक जज ने तो रिटायर होने के दिन सेरेमोनियल बेंच में बैठ कर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस पर टिप्पणी की। इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने मंगलवार को अपने कार्यकाल के आखिरी दिन फुल कोर्ट में कहा कि तब के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उनको परेशान करने के लिए उनका तबादल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया था। उन्होंने मौजूदा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने उनके साथ हुए अन्याय को सुधारा।
भले जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का काम ठीक लगा हो लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस विवेक चौधरी पर उनके हाल के एक फैसले पर सवाल खड़ा किया। पटना हाई कोर्ट में तबादला किए जाने पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन जस्टिस चौधरी ने कहा कि इमरजेंसी के समय एक साथ 16 जजों का तबादला हुआ था और अब एक साथ 24 जजों का तबादला हो गया। एक दूसरे मामले में जस्टिस केजे ठाकेर ने एक अन्य पूर्व चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सच बोलने की वजह से उनको परेशान करने के लिए उनका तबादला गुजरात हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया था। इसी तरह जस्टिस संजीब बनर्जी भी ने चीफ जस्टिस रहे एनवी रमन्ना पर निशाना साधा। वे मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे और वहां से उनको मेघालय हाई कोर्ट भेज दिया गया था।