Judiciary

  • लोकतंत्र: निर्भीक अदालत जो सत्ता की लगाम हो..!

    Democracy and Judiciary:  शास्त्रीय तौर पर पर तो लोकतंत्र में विधायी संस्था शासन के निकाय पर नियंत्रण रखती है, और इन दोनों के अतिरेक को स्पष्ट करने के लिए ’न्यायपालिका होती है। सुनने में तो यह बहुत अच्छा लगा, लेकिन सभी लोकतंत्र राष्ट्रों में होता इसका उल्टा ही है। प्रजातन्त्र की अवधारणा यूं तो बहुत सत्य लगती हैं, परंतु वास्तविकता के धरातल पर होता उल्टा ही हैं ! यंहा हम यूरोप के अनेक देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ उदाहरण लेते हैं। अमेरिका में नेता और जनता का यह संवाद बहुत माकूल हैं। जनता के अधिकारों की रक्षा का...

  • न्यायपालिका ही प्रजातंत्र की सही संरक्षक…!

    भोपाल। सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले ने आज पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि प्रजातंत्र के चार अंगों- विधायिका, कार्यपालिका, न्याय पालिका और खबर पालिका में न्याय पालिका ही प्रजातंत्र की सही संरक्षक है, कथित अवैध निर्माणों के नाम पर लोगों के घरों को ‘जमींदोज’ कर देने की शासकीय मनमानी पूर्ण प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय ने एकदम गैर कानूनी व गलत माना है तथा शासन-प्रशासन को सख्त निर्देश दिए है कि बिना ठोस गैरकानूनी सबूतों के ऐसी कार्यवाही कतई नही की जानी चाहिए। इस तरह आज फिर एक बार यह स्पष्ट हो गया है कि प्रजातंत्र की सही संरक्षक...

  • न्यायिक सक्रियता का दौर लौटा

    इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी पार्टियों का हौसला लौटा है और मीडिया में भी सरकार से सवाल पूछे जाने लगे हैं। लेकिन एक बड़ा बदलाव अदालतों की सक्रियता में दिख रहा है। हालांकि चुनाव से पहले भी सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड सहित कई मामलों में ऐसे फैसले किए थे, जिनसे सरकार असहज हुई थी। हो सकता है कि यह संयोग हो लेकिन चुनाव नतीजों के बाद ऐसे फैसलों की आवृत्ति बढ़ गई है। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के एक बयान पर नाराजगी जताते हुए कह दिया था कि अदालत के...

  • आज प्रजातंत्र का मुख्य आधार-स्तंभ न्यायपालिका…?

    भोपाल । भारत की आजादी की ‘हीरक जयंति’ मनाने के बाद आज के हालातों को देखकर यह सहज ही महसूस होता है कि प्रजातंत्र की परिभाषा के चार अंगों से तीन अंग करीब-करीब निष्क्रीय हो चुके है और अब केवल और केवल न्यायपालकिा ही प्रजातंत्र का मुख्य आधार स्तंभ बन गया है, जिस पर देश की जनता को आज भी पूरा भरोसा है, शेष तीन स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका और खबर पालिका अपने मूल अस्तित्व खो चुके है और समय के साथ आज की गैर प्रजातंत्री बाढ़ के साथ बहने लगे है। सिर्फ न्यायपालिका ही है जो प्रजातंत्र की हर जरूरत...

  • न्यायपालिका के समक्ष चुनौतियां

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • न्यायपालिका में भी सब ठीक नहीं

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • न्यायिक सक्रियता से क्या टकराव बढ़ेगा?

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • गहलोत का न्यायपालिका पर बड़ा हमला

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • क्या है सरकार की मंशा?

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • मणिपुर हिंसा पर टिप्पणी के लिए ब्लॉगर गिरफ्तार

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • सत्ता मद और अहिंसा का संकल्प

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • कानून मंत्री से उलझना नहीं चाहताः चंद्रचूड़

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • कानून मंत्री का न्यायपालिका पर निशाना

    अगर मुकदमों का निपटारा समयबद्ध तरीके से नहीं होता है तो नागरिकों के अदालत का दरवाजा खटखटाने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अब भी लोग न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अकेले अक्टूबर के महीने में देश भर की अदालतों में 16 लाख से ज्यादा मामले पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए जजों की बहाली का सुझाव दिया तो उनके सामने ही देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने...

  • सिब्बल का रीजीजू पर तंज

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  • पूर्व जजों की बातों का सहारा!

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  • आर-पार की जंग?

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  • न्यायपालिका पर रिजीजू का नया हमला

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  • न्यायपालिका पर फिर सरकार का हमला

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  • अदालत और सरकार की मुठभेड़

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  • न्यायपालिका की साख बिगाड़ कर क्या मिलेगा?

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