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महंगाई पर सरकार और आरबीआई की अलग राय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी पूरी सरकार और साथ साथ भारतीय जनता पार्टी जीएसटी में कटौती को बचत उत्सव के तौर पर प्रचारित कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इससे देश के लोगों के ढाई लाख करोड़ रुपए बचेंगे। हर चीज के सस्ता होने का ढोल पीटा जा रहा है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक को इससे इत्तेफाक नहीं है। रिजर्व बैंक ने दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बुधवार को रिपोर्ट जारी की तो उसमें कहा कि जीएसटी कटौती का बहुत ज्यादा असर महंगाई पर नहीं पड़ेगा। आरबीआई की यह सोच उसके फैसले पर भी दिखी।

रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार ब्याज दर को स्थिर रखा। उसे कम नहीं किया गया, जबकि जीएसटी कटौती से महंगाई कम होने का दावा किया जा रहा था और इस आधार पर माना जा रहा था कि ब्याज दर में कटौती हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपनी रिपोर्ट के एक अलग सेक्शन में आरबीआई की मौद्रिक समिति ने कहा है कि जीएसटी कटौती का महंगाई पर बहुत सामान्य असर होगा। इसका कारण यह है कि महंगाई दर के आकलन में फूड बास्केट का हिस्सा सबसे ज्यादा करीब 60 फीसदी होता है। इसमें दाल, फल, सब्जियों आदि से लेकर मीट, अंडा और दूसरी खाने पीने की चीजें शामिल हैं। इन पर पहले भी शून्य टैक्स था। कुछ खाने पीने की चीजें पहले से पांच फीसदी के दायरे में थीं, जिनमें बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए महंगाई पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा और इस वजह से केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती नहीं की।

By NI Political Desk

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