inflation

  • रसोई के जायके में लगा मंहगाई का तड़का, प्याज-टमाटर के बाद आलू भी हुआ महंगा

    expensive potato: एक रसोई में सबसे पसंदीदार और महत्वपूर्ण सब्जियां होती है आलू-प्याज-टमाटर. आलू-प्याज-टमाटर सबसे महत्वूर्ण जायका माना जाता है. सब्जियों के महंगी होने के कारण रसोई का बजट और स्वाद दोनों बिगड़ जाते है. पिछले कुछ दिनों में प्याज और टमाटर ने अपने भाव बढाए थे. और अब रसोई में महत्वपूर्ण आलू भी मंहगा हो गया है. लेकिन सरकार इसके लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है. (expensive potato) रसोई के बिगड़े बजट से परेशान आम लोगों को आने वाले दिनों में राहत मिल सकती है. सरकार आलू की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न योजनाएं बना...

  • अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई, महंगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौती : कांग्रेस

    नयी दिल्ली | कांग्रेस ने कहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी और इसको लेकर वह उद्योगपतियों, बैंकर्स, किसान संगठनों से बात कर चुकी है, लेकिन देश में सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी, महंगाई और अमीर गरीब के बीच बढ़ती खाई है जिसे कम करने के लिए उनके इरादे स्पष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। अमीरी-गरीबी की खाई कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बड़ा संकट यह है कि देश की एक फीसदी आबादी के पास लगभग आधा संपत्ति है जिसके कारण गरीबी और...

  • महंगाई को लेकर कांग्रेस का मोदी पर तीखा हमला, कहा कि गरीब का निवाला छीनकर अपने…

    नई दिल्ली। कांग्रेस ने महंगाई को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीब का निवाला छीनकर अपने दोस्तों को देते हैं इसलिए महंगाई से पीड़ित गरीब की तकलीफ से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस पार्टी (Congress) ने कह कि जनता पर 'महंगाई मैन' मोदी का चाबुक फिर चला। थोक महंगाई दर ने एक साल चार महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और सब्जियों से लेकर खाने की वस्तुओं में बेतहाशा महंगाई दर्ज हुई है। कांग्रेस (Congress) ने आवश्वयक वस्तुओं की महंगाई (Inflation) का आंकड़ा देते हुए ट्वीट कर आज कहा “खाद्य वस्तुओं...

  • थोक महंगाई दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर

    नई दिल्ली। खाने पीने की वस्तुओं में आई तेजी के कारण थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक महंगाई (Inflation) जून 2024 में लगातार चौथे महीने बढ़त में रही और यह 16 महीने के उच्चतम स्तर 3.36 फीसदी पर पहुंच गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों तथा विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में आई तेजी के कारण यह वृद्धि हुई है। थोक मुद्रास्फीति (Inflation) मई में 2.61 प्रतिशत थी। जून 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी। मंत्रालय ने कहा कि जून 2024 में मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ने की मुख्य...

  • क्यों चुभती है महंगाई?

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • महंगाई कम दिखाने का नायाब नया तरीका

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • थोक महंगाई दर दोगुनी हो गई

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • चुनाव खत्म, महंगाई शुरू

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • खाने पीने की चीजें महंगी हुई पर महंगाई दर घटी

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • मोदी मोदी नहीं क्योंकि नौकरी, नौकरी

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • कहानी का कुल सार

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  • खुदरा महंगाई मार्च में कम हुई

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  • महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार भी मुद्दा!

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • चुनाव बेरोजगारी और महंगाई पर होगा

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  • महंगाई दर नहीं घटी तो फॉर्मूला बदल देंगे

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • विपक्ष क्या भ्रष्टाचार का मुद्दा बना पाएगा?

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  • थोक महंगाई पांच महीने बाद शून्य से ऊपर

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • डिसइन्फ्लेशन की गिरफ्त में

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

  • महंगाई से राहत नहीं

    मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक इस वर्ष पहली तिमाही में औसत भारतीय शहरी परिवार के किराना खर्च में 20 प्रतिशत और ग्रामीण परिवार के इस खर्च में 10 बढ़ोतरी हुई। इस जारी सिलसिले के कारण आम भारतीय परिवार गहरे दबाव में है।  मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है। सरकार के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में आ चुकी है, मगर वास्तव में उपभोक्ताओं के लिए अपने खर्चों को संभालना कठिन बना हुआ है। केंटार ने अपनी ताजा एफएमसीजी पल्स रिपोर्ट में कहा है- ‘मुद्रास्फीति भले नीचे आ गई...

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