अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बड़बोलेपन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और भाजपा का सारा नैरेटिव फेल कर दिया। शनिवार को साढ़े तीन बजे के करीब पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशक यानी डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन किया और अमेरिका से हुई बातचीत के आधार पर सीजफायर की पेशकश पर चर्चा की।
इसके बाद भारत की ओर से कुछ बताया जाता उससे पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाल कर सीजफायर कराने का क्रेडिट ले लिया। उन्होंने कहा कि सारी रात बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान को मनाया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने कॉमन सेंस दिखाया और अच्छी सोच के साथ सीजफायर पर सहमति दी।
डोनाल्ड ट्रंप का भारत पाकिस्तान सीजफायर पर बयान
इसके बाद अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी पोस्ट डाल दी। तब जाकर भारत की ओर से पुष्टि की गई। छह बजे के करीब विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 42 सेकेंड की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें सीजफायर की जानकारी दी। इसके बाद से भारत सरकार नैरेटिव को बदलने के प्रयास में लग गई।
कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से खबर चलाई गई कि अमेरिका ने वार्ता नहीं की है, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता हुई है। कई पत्रकारों से यह खबर चलवाई गई हालांकि सबका मजाक ही बना क्योंकि अगर अमेरिका ने वार्ता नहीं की तो भारत सरकार की ओर से कोई आगे आकर क्यों नहीं ट्रंप की बात का खंडन कर रहा है?
उधर पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति की बात पर मुहर लगा दी। इससे भारत सरकार कठघरे में आई कि आखिर आजादी के बाद पहली बार कैसे कोई तीसरा देश भारत के मामले में मध्यस्थ बना? अब ट्रंप भारत और पाकिस्तान की समस्या को एक हजार साल की समस्या बता कर उसको सुलझाने की बात कर रहे हैं और पाकिस्तानी इस पर खुशी मना रहे हैं।
Also Read: आंकडों से नज़र मिलाइए
Pic Credit: ANI