भारत की महिला क्रिकेट टीम ने एकदिवसीय क्रिकेट का विश्वकप जीता तो पूरा देश इस खुशी में शामिल है। महिला क्रिकेट के लिए इसे 1983 का क्षण माना जा रहा था, जब कपिलदेव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने विश्वकप जीता था। माना जा रहा है कि इस जीत के बाद महिला क्रिकेट की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। कप्तान हरमनप्रीत कौर सहित सभी महिला खिलाड़ियों के अलावा दो पुरुषों की खूब तारीफ हो रही है। एक पुरुष महिला क्रिकेट टीम के कोच अमोल मजूमदार हैं और दूसरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी के प्रमुख जय शाह हैं। ध्यान रहे जय शाह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के भी अध्यक्ष रहे हैं। सोशल मीडिया में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कायाकल्प का श्रेय जय शाह को दिया जा रहा है।
अब तक उनके ऊपर सवाल उठते थे और कहा जाता था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं इसलिए क्रिकेट में इतना ऊंचा मुकाम बना है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि उनकी सकारात्मक ब्रांडिंग हो रही है। इसमें कुछ तथ्य भी है। उन्होंने महिला क्रिकेट पर ध्यान दिया था और महिला खिलाड़ियों की कोचिंग और प्रशिक्षण के लिए बेहतर बंदोबस्त किए थे। इसके अलावा महिला खिलाड़ियों के पैसे भी बढ़ाए गए थे। पहले की तुलना में उनको अब काफी सम्मानजनक राशि मिलती है। विश्व कप की जीत पर भी उनको 91 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड इनाम राशि मिल रही है। महिला क्रिकेट लीग से लेकर कई और बड़ी पहल हुई है, जिसका श्रेय जय शाह को मिल रहा है।


