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झारखंड सरकार को धन का संकट

Hemant Soren

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के सामने राजस्व का संकट खड़ा हो गया है। पिछले साल के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा जिस मइया सम्मान योजना के दम पर चुनाव लड़ी और जीती उस योजना की राशि भी महिलाओं के खाते में पहुंचाने में देरी होने लगी है। चुनाव जीतने और सरकार बनाने के बाद दिसंबर का पैसा तो टाइम से चला गया था लेकिन जनवरी और फरवरी दोनों महीने का पैसा जारी होने में देरी हो गई। यह देरी इसके बावजूद हुई कि राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में सभी विभागों के पास इस वित्त वर्ष के जो पैसे बचे हुए थे उसे सरेंडर करा कर महिला व बाल विकास मंत्रालय को भेज दिया गया था।

अब खबर है कि राज्य सरकार अलग अलग विभागों से फिर पैसे सरेंडर करा रही है। इस बार दो हजार करोड़ रुपए का लक्ष्य है। गौरतलब है कि मइया सम्मान योजना में हर महीने डेढ़ हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर होने हैं। वैसे भी झारखंड सरकार के पास वेतन, भत्ते, पेंशन और कर्ज के ब्याज के बाद बहुत कम पैसा बचता है। उसका बजट एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए से कम है, जिसमें 18 हजार करोड़ रुपए मइया सम्मान योजना में खर्च होंगे। सो, राज्य सरकार राजस्व के संकट में फंसी है। इससे निकलने का रास्ता यह है कि केंद्र सरकार खनिज संसाधनों का बकाया पैसा राज्य सरकार को दे। यह रकम एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए है। अगर केंद्र सरकार किस्तों में भी यह पैसा देती है तो राज्य सरकार को इस कार्यकाल में राजस्व के संकट से निजात मिल जाएगा।

By NI Political Desk

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