कांग्रेस नेता कमलनाथ थोड़े दिन के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। करीब सवा साल तक वे पद पर रहे। लेकिन उस बीच सबसे ज्यादा विवाद उनके भांजे रतुल पुरी और उनके कुछ करीबी सहयोगियों के भ्रष्टाचार को लेकर बना था। रतुल पुरी गिरफ्तार भी हुए थे और उससे पहले कई एजेंसियों ने उनसे लगातार पूछताछ की थी। मीडिया में एजेंसियों की ओर से खबर दी गई थी कि रतुल पुरी ने आठ हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है। यह भी खबर प्लांट की गई उन्होंने दुबई में एक रात में जुए में आठ करोड़ रुपए उड़ा दिए। हवाला कारोबारी के क्रेडिट कार्ड से रतुल पुरी ने 32 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, यह भी कहा गया। अब दिल्ली की एक अदालत ने रतुल पुरी को 11 सौ करोड़ रुपए के बैंकिंग घोटाले के आरोपों से बरी कर दिया है। उनके साथ साथ उनकी मां यानी कमलनाथ की बहन नीता पुरी को भी राहत मिल गई है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। उनके ऊपर कई बैंकों से कर्ज लेकर दूसरी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करने और घोटाला करने का आरोप लगाया था। अब दिल्ली की एक अदालत ने रतुल पुरी को सभी मामलों में बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ सीबीआई ने जो सबूत पेश किए थे उनसे किसी किस्म की आपराधिकता प्रमाणित नहीं होती है। गौरतलब है कि पिछले 11 साल से नरेंद्र मोदी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कथित जंग लड़ रही है उसमें किसी को सजा नहीं हुई है, उलटे ज्यादातर लोग बरी हो गए हैं। कोयला घोटाले से लेकर संचार घोटाले तक और अब बैंकिंग घोटाले में आरोपी बरी हुए हैं। अनेक आरोपी तो भाजपा में जाकर बरी हुए लेकिन कई लोग बिना भाजपा में गए, बाहर से ही भाजपा के प्रति सद्भाव दिखाते रहे और मुकदमों में बरी हो गए।