दो चरण के मतदान के बाद महाराष्ट्र में शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे की साख और छवि बिगाड़ने का प्रयास शुरू हो गया है। इसके लिए दो चीजों का इस्तेमाल हो रहा है। एक कथित वीडियो, जिसमें दिखाया जा रहा है कि शरद पवार उनको बाहर बैठने और इंतजार करने के लिए कह रहे हैं और दूसरा शरद पवार का बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि कई पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बयान का मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा कि कहा है कि कांग्रेस में विलय करके अपने को समाप्त करने की बजाय उद्धव ठाकरे और शरद पवार को एकनाथ शिंदे और अजित पवार गुट के साथ लौट जाना चाहिए। इस तरह प्रधानमंत्री यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि असली पार्टी शिंदे और अजित पवार की है।
पवार के बयान के आधार पर यह भी कहा जा रहा है कि उद्धव की पार्टी समाप्त हो सकती है और वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इससे मराठा और शिव सैनिकों का वोट तोड़ने की कोशिश हो रही है। दूसरी ओर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उद्धव ठाकरे एक पहले से चल रही बैठक में पहुंचते हैं, जहां शरद पवार और कुछ अन्य लोग मौजूद हैं। वीडियो में दिखाया जा रहा है कि पवार उनको बाहर बैठने के लिए कहते हैं। उद्धव भी कहते सुनाई दे रहे हैं कि वे बाहर इंतजार करते हैं। इसके जरिए यह बताया जा रहा है कि बाला साहेब ठाकरे के बेटे की महा विकास अघाड़ी में कोई हैसियत नहीं है। हालांकि हकीकत यह है कि उनको 21 सीटें देकर कांग्रेस और शरद पवार ने उनका महत्व बहुत बढ़ाया है और यह मैसेज दिया है कि अघाड़ी के नेता वे हैं।