यह लाख टके का सवाल है कि नीतीश कुमार के बाद किस पुराने एनडीए सहयोगी की बारी है? किसी न किसी समय एनडीए के साथ रही पार्टियां एक एक करके भाजपा के साथ लौट रही हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक में भाजपा का ऑपरेशन कामयाब हो चुका है और पंजाब में भी अकाली दल के साथ बातचीत हो रही है। उधर महाराष्ट्र में भाजपा ने उद्धव ठाकरे की पार्टी शिव सेना को तोड़ दिया है और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सेना को असली शिव सेना का दर्जा भी मिल गया है। लेकिन भाजपा भरोसे में नहीं है कि शिंदे उसे शिव सैनिकों का समर्थन दिला पाएंगे और हिंदुत्व के वोटों का बंटवारा रोक पाएंगे। मराठा वोट के लिए भाजपा ने शरद पवार की पार्टी भी तोड़ी है लेकिन उसे लेकर भी भाजपा बहुत भरोसे में नहीं है। तभी बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से उद्धव ठाकरे के ऊपर अभियान चल रहा है।
हालांकि उद्धव ठाकरे इस समय भाजपा के सबसे कट्टर आलोचकों में हैं और उनकी पार्टी लगातार भाजपा पर हमलावर है। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस के साथ सीट बंटवारा फाइनल नहीं हो पा रहा है और इस बीच उद्धव ठाकरे के एक बयान ने खलबली मचाई है। उन्होंने पार्टी के सांसद विनायक राउत के चुनाव क्षेत्र में एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा- हम आपको बताना चाहते हैं कि हम कभी भी आपके दुश्मन नहीं थे। हम आज भी आपके दुश्मन नहीं हैं। हम आपके साथ थे। शिव सेना आपके साथ थी। पिछली बार हमने गठबंधन के लिए प्रचार किया था। आप पीएम बने क्योंकि विनायक राउत जैसे हमारे सांसद जीते। बाद में आपने हमें खुद से दूर कर दिया। आगे उद्धव ने कहा कि उनका भगवा ध्वज और हिंदुत्व आज भी लेकिन भाजपा उनका भगवा ध्वज फाड़ने की कोशिश कर रही है। हालांकि उन्होंने साथ ही मोदी और भाजपा पर हमला भी किया लेकिन इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।