सत्ता से लंबी दूरी और बहुजन समाज पार्टी की लगातार खराब होती स्थिति का नतीजा यह है कि पार्टी सुप्रीमो यानी बहनजी मायावती बदल रही हैं। यह खबर लखनऊ से है। खबर है कि मायावती ने इस बार नौ अगस्त को रक्षाबंधन के अवसर पर पार्टी के अनेक नेताओं को राखी बांधी। बताया जा रहा है कि वे पार्टी कार्यालय में काफी देर तक मौजूद रहीं और वहां आने वाले हर नेता को उन्होंने राखी बांधी। हालांकि सभी नेताओं को इसकी तस्वीर डालने की मनाही थी। फिर भी पार्टी के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने फोटो सोशल मीडिया में डाली। उन्होंने मायावती को बहन और प्रेरणास्रोत बताते हुए तस्वीर पोस्ट की।
इस तस्वीर के सामने आने के बाद ही यह बात सार्वजनिक हुई कि मायावती ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की है और उनको राखी बांधी है। आमतौर पर मायावती से पार्टी नेताओं की मेल मुलाकात दूर से होती है। यहां तक कि पत्रकारों की भी मुलाकात दूर से ही होती है। बहुत कम नेता ऐसे हैं, जिनको मायावती के नजदीक उठने बैठने का मौका मिलता है। यह संभवतः पहला मौका है, जब मायावती ने पार्टी नेताओं को राखी बांधी। ऐसा लग रहा है कि उनको भी लगने लगा है कि सफल प्रादेशिक पार्टियां वही हैं, जिनके नेता आम लोगों और खास कर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से नियमित संपर्क में रहते हैं और उनको अपनेपन का अहसास कराते हैं। ध्यान रहे अब उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में डेढ़ साल का समय बचा है। लोकसभा में बसपा का एक भी सांसद नहीं है और उत्तर प्रदेश विधानसभा में सिर्फ एक विधायक है। इस दम पर पार्टी का अस्तित्व बचाना संभव नहीं है। इसलिए भी मायावती अपने को बदल रही हैं।