वैसे तो भारत का चुनाव आयोग किसी विपक्षी पार्टी का कोई भी सुझाव सुनने को राजी नहीं होता है। जैसे ही कोई विपक्षी पार्टी सलाह या सुझाव देती है वैसे ही चुनाव आयोग के अधिकारी उसका जवाब देने और पलटवार करने पर आ जाते हैं। सुझाव को तत्काल खारिज कर दिया जाता है।
अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने निजी तौर पर चुनाव आयोग के मुख्यालय नई दिल्ली के निर्वाचन सदन में जाकर आयोग को कुछ सुझाव दिए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के साथ दोनों चुनाव आयुक्तों के सामने मायावती ने अपने सुझाव दिए।
यह पहला मौका था, जब बसपा प्रमुख मायावती खुद चुनाव आयोग से मिलने गई थीं। आमतौर पर पार्टियों के सुप्रीमो आयोग के पास नहीं जाते हैं। उसमें भी बहनजी का मामला तो अलग ही है। लेकिन वे गईं और उन्होंने कई सुझाव दिए। मायावती ने सभी वीवीपैट मशीनों की पर्चियों का मिलान ईवीएम के वोट से करने को कहा।
चुनाव आयोग को मायावती के सुझाव
यह सुझाव चुनाव आयोग पहले खारिज कर चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे खारिज कर दिया। लेकिन यह तरीका है ईवीएम पर उठने वाले सवालों के जवाब देने का। इसके अलावा मायावती ने कहा कि चुनाव आयोग चुनाव में होने वाले खर्च की निगरानी करे।
उन्होंने कहा कि सीमा से बहुत ज्यादा खर्च होता है, जिससे गरीब उम्मीदवारों का लड़ना मुश्किल होता जा रहा है। उनकी तीसरा सलाह चुनाव से पहले होने वाले ओपिनियन पोल्स को नियंत्रित करने की है। यह एक जरूरी काम है क्योंकि भारत में ओपिनियन पोल्स का इस्तेमाल किसी खास दल के लिए माहौल बनाने के मकसद से होता है।
Pic Credit: ANI