भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लेकर पाकिस्तान के अंदर तक आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया। कुल नौ ठिकानों पर दर्जनों मिसाइल दागी गई, जिसमें सैकड़ों आतंकवादी मारे गए हैं। यह पाकिस्तान का झूठ है कि मदरसे तबाह हुए लेकिन उसमें लोग नहीं मारे गए।
बहावलपुर से लेकर मुरीदके और मुजफ्फराबाद तक आतंक के ठिकाने तबाह हुए हैं। दुनिया भर की मीडिया ने इसकी पुष्टि की है और दो टूक अंदाज में लिखा है कि भारत ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर आतंकवाद के ढांचे को नष्ट किया। सेना के इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है। बताया जा रहा है कि यह नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाया।
आमतौर पर सेना अपने अभियान का नाम तय नहीं करती है। पिछले कुछ समय से सैन्य अभियानों से अंतरराष्ट्रीय राहत व बचाव अभियानों के नाम हिंदी या संस्कृत में रखे जा रहे हैं। जैसे हाल ही में म्यांमार की भूकंप के बाद चले राहत अभियान का नाम ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंकियों को जवाब और महिलाओं को संबल
बहरहाल, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस अभियान के लिए सबसे उपयुक्त नाम था। तभी सेना की कार्रवाई के बाद जब विदेश सचिव विक्रम मिस्री प्रेस ब्रीफिंग के लिए बैठे तो उनके साथ दो महिला सैन्य अधिकारियों ने भी प्रेस को संबोधित किया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस को सैन्य कार्रवाई के बारे में बताया।
ध्यान रहे आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पुरुषों की हत्या करके एक संदेश दिया था। उन्होंने भारतीय नौसेना के अधिकारी विनय नरवाल की हत्या उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल के सामने की। इनके अलावा दूसरे लोगों को भी इसी अंदाज में मारा। उन्होंने पत्नियों के सामने पतियों की हत्या की। पारंपरिक भारतीय अर्थ में कहें तो महिलाओं का सिंदूर पोंछ दिया।
यह थोड़ा मेलोड्रामा किस्म का लग रहा है और बहुत हिंदी फिल्म टाइप का भी लग रहा है लेकिन आतंकवादियों ने जो संदेश देना चाहा था उनको उसी हिसाब से जवाब देना था। इस नाम से एक तीर से दो शिकार हुए हैं। पहला तो आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब मिला है और दूसरे देश के आम लोगों खास कर महिलाओं को एक भावनात्मक संबल मिला है। अगर आने वाले दिनों में भाजपा यह प्रचार करे कि हर महिला के सिंदूर की रक्षा मोदीजी करेंगे तो आश्चर्य नहीं होगा।
Also Read: हमारी सहनशीलता का कोई नाजायज फायदा नहीं उठाए, मुंहतोड़ जवाब मिलेगा: राजनाथ सिंह