इस बार आतंकवादी हमला कराने के बाद पाकिस्तान तैयार था। 22 अप्रैल को पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में सैलानियों पर हमला किया और धर्म पूछ कर उनकी हत्या की। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी। बताया गया कि उसने 45 हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं और कराची से बुला कर 18 लड़ाकू विमानों को भी तैनात किया है। जाहिर है उसको भारत की ओर से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से अंदाजा हो गया था कि भारत कैसे प्रतिक्रिया देगा।
इसलिए उसने सैनिक और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए ताकि अगर भारत उसी तरह से स्ट्राइक करे तो कुछ नुकसान भारतीय सेना को भी पहुंचाया जा सके। लेकिन भारत ने दो हफ्ते तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
हालांकि भारत की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं देने के बावजूद पाकिस्तान को अंदाजा था कि भारत जवाबी कार्रवाई करेगी। तभी पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ लगातार कह रहे थे कि भारत किसी भी समय हमला कर सकता है। उन्होंने भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च होने के 24 घंटे पहले भी कहा था कि भारत कभी भी हमला कर सकता है।
भारत की कार्रवाई से चंद घंटे पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस्लामाबाद में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुख्यालय गए थे। इन तमाम तैयारियों के बावजूद पाकिस्तान चकमा खा गया। उसको अंदाजा नहीं था कि मंगलवार, छह मई को आधी रात के बाद भारत कार्रवाई करेगा।
पाकिस्तान को चकमा दे कर भारत ने की जबरदस्त कार्रवाई
पाकिस्तान के चकमा खाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि भारत सरकार ने सात मई को पूरे देश में सिविल डिफेंस ड्रिल का ऐलान किया। युद्ध होने या आपात स्थितियों में कैसै लोगों को सुरक्षा करनी है इसके उपाय बताने के लिए पूरे देश में ड्रील का आयोजन किया गया। देश के 259 जगहों पर ऐसी ड्रिल हुई। इसकी घोषणा पांच मई को की गई।
छह मई को उन जगहों की सूची जारी की गई और रिहर्सल वगैरल हुए। इससे पाकिस्तान को लगा और देश के लोगों को भी यही लग रहा था कि कम से कम सात मई तक तो हमला नहीं होने जा रहा है क्योंकि भारत सरकार सात मई को लोगों को हमले से बचने का प्रशिक्षण देने जा रही है। इसलिए कोई भी कार्रवाई इसके बाद ही होगी।
इसी तरह भारत ने सात मई को पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा पर भारतीय वायु सेना के अभ्यास का ऐलान किया। इससे भी यह मैसेज गया कि अगर कोई कार्रवाई होनी है तो वह सात मई के बाद ही होगी। इस बीच भारत सरकार घरेलू राजनीति और कारोबारी मामलों में उलझी रही। सरकार ने जाति जनगणना के फैसले का ऐलान किया। इससे भी लगा कि भारत अब चुनावी राजनीति में उलझ गया है। ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार की संधि भी इसी बीच हुई। सो, भारत ने ऐसे दिखाया, जैसे सारी चीजें रूटीन के अंदाज में चल रही हैं।
प्रधानमंत्री सेना प्रमुखों से मिले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मिले, रक्षा सचिव से मिले लेकिन इन सारी मुलाकातों को दिखावे की तरह लिया जा रहा था। सो, पाकिस्तान इस बार पहले से ज्यादा अलर्ट था लेकिन उसने यह नहीं सोचा था कि छह मई की आधी रात के बाद भारत की कार्रवाई होगी तभी वह कोई भी बचाव नहीं कर सका। इंतजार करना और चमका देकर एयर स्ट्राइक करना यह अच्छी कूटनीति और सामरिक नीति रही।
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