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21-07-2025 Vol 19

राज्यसभा में कुछ नहीं बदलेगा पर चुनाव अहम

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राज्यसभा की आठ सीटों पर 19 जून को चुनाव होगा। इसकी घोषणा हो गई है। दो जून को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। इसके नतीजों से राज्यसभा की तस्वीर में कोई बदलाव नहीं आएगा। पार्टियों और गठबंधनों की स्थिति में भी कोई बदलाव नहीं होगा। फिर भी यह चुनाव कई कारणों से बहुत अहम है। इन आठ में से छह सीटें तमिलनाडु की हैं, जिनमें से अभी दो सीटें एनडीए की और चार सीटें सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ ब्लॉक की हैं।

इस बार इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। विधानसभा में डीएमके के नेतृत्व वाले सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस की 159 सीटें हैं और अन्ना डीएमके के नेतृत्व वाले एनडीए की 75 सीटें हैं। 239 सदस्यों की विधानसभा में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 34 वोट की जरुरत है।

इस लिहाज से चार सीट जीतने के लिए सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस को 136 वोट की जरुरत होगी। उसके बाद उसके पास 23 वोट बचेंगे। दूसरी ओर एनडीए को दो सीटें जीतने के लिए 68 वोट की जरुरत है और उसके पास 75 सीटें हैं। इसलिए समीकरण पहले जैसा ही रहेगा। हालांकि हो सकता है कि चेहरे बदल जाएं, जो राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुत अहम हैं। डीएमके, कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन के पास अभी जो चार सीटें हैं उनमें से एक सीट वाइको की है। उनकी पार्टी एमडीएमके ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में उनके बेटे दुरई वाइको ने लोकसभा का चुनाव जीता है और वाइको की उम्र 82 साल हो गई है। इसलिए संभव है कि इस बार उनको मौका नहीं मिले। वैसे भी उनकी पार्टी का कोई विधायक नहीं है। सवाल है कि उनकी सीट किसको मिलेगी?

तमिलनाडु-असम में 19 जून को चुनाव

कांग्रेस पार्टी के 17 विधायक हैं और पार्टी एक सीट चाहती है। लेकिन कहा जा रहा है कि एमके स्टालिन फिल्म स्टार कमल हसन को एक सीट देने की तैयारी में हैं। उनकी पार्टी मक्कल निधि मैइम के साथ विधानसभा चुनाव में तालमेल की बात हो रही है। दूसरी ओर अन्ना डीएमके भाजपा अलायंस में एक सीट अन्ना डीएमके और दूसरी सीट पीएमके के पास है।

पीएमके से अंबुमणि रामदॉस सांसद हैं। उनका अपने पिता एस रामदॉस से विवाद चल रहा है। उनकी पार्टी के सिर्फ पांच विधायक हैं। इसलिए अन्ना डीएमके दोनों सीटें अपने पास रखती है या एक सीट पीएमके या भाजपा को देती है यह देखने वाली बात होगी।

राज्यसभा की दो सीटें असम की खाली हो रही हैं। असम में दोनों सीटें एनडीए के पास है, जिसमें से एक सीट भाजपा की और दूसरी उसकी सहयोगी असम गण परिषद की है। असम विधानसभा 126 सदस्यों की है। सो, राज्यसभा चुनाव के फॉर्मूले के मुताबिक एक सीट जीतने के लिए 43 वोट की जरुरत है। सामान्य रूप से देखें तो भाजपा के लिए दोनों सीटें निकालना मुश्किल नहीं होगा क्योंकि उसके गठबंधन के पास 82 विधायक हैं।

भाजपा के अपने 64 सदस्य हैं। अगप के आठ, यूपीपीएल के सात और पांच निर्दलीय हैं। उसको दो अतिरिक्त वोट की जरुरत है। दूसरी ओर कांग्रेस के 22 विधायक हैं। लेकिन बदरूद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के 15, हगरामा महलारी की बीपीएफ के तीन और सीपीएम के एक और अखिल गोगोई की रायजोर दल के एक विधायक हैं।

ये भी विपक्ष में हैं। इस तरह विपक्ष की कुल संख्या 42 हो जाती है। यानी विपक्ष एक वोट का इंतजाम करे तो वह एक सीट जीत सकता है। कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई के लिए यह बड़ा मौका है। पर देखना है कि कांग्रेस आलाकमान क्या फैसला करती है?

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Pic Credit: ANI

NI Political Desk

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