यह हैरान करने वाली बात है कि प्रफुल्ल पटेल का राज्यसभा का कार्यकाल अभी चार साल बचा हुआ है लेकिन वे चुनाव लड़ रहे हैं। शरद पवार की एनसीपी ने उनको 2022 में दूसरे कार्यकाल के लिए उच्च सदन में भेजा था। अब असली एनसीपी यानी अजित पवार की पार्टी ने उनको 2024 के राज्यसभा चुनाव के लिए टिकट दी है। इससे पहले कभी ऐसा देखने को नहीं मिला है। इसलिए यह बहुत हैरान करने वाली बात है। बताया जा रहा है कि शरद पवार खेमे में प्रफुल्ल पटेल को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया है इसलिए प्रफुल्ल पटेल इस्तीफा देकर राज्यसभा जा रहे हैं। लेकिन इस तर्क में कोई दम नहीं है क्योंकि जब चुनाव आयोग ने अजित पवार के खेमे को असली एनसीपी मान लिया तो शरद पवार के कहने से किसी विधायक या सांसद की सदस्यता कैसे जा सकती है?
सो, जाहिर है कि प्रफुल्ल पटेल के बीच में इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का कारण कुछ और है। पहले कहा जा रहा था कि अजित पवार हाल में कांग्रेस छोड़ कर उनकी पार्टी में गए बाबा सिद्दीकी को राज्यसभा भेजेंगे। छगन भुजबल के नाम की भी चर्चा थी। लेकिन इसकी बजाय प्रफुल्ल पटेल को भेजा गया। ऐसा लग रहा है कि प्रफुल्ल पटेल अगले चुनाव के बाद बनने वाली स्थिति को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। उनको लग रहा है कि इस साल के चुनाव में अगर अजित पवार की पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उनको 2028 मे दूसरा जुगाड़ करना होगा। अगर अभी वे राज्यसभा में नए कार्यकाल के लिए चले जाते हैं तो 2030 तक उन्हें कुछ नहीं सोचना होगा। फिर 2029 के चुनाव में क्या होता है उसके हिसाब से चीजें तय होंगी। तभी वे नए कार्यकाल के लिए गए हैं और उनके इस्तीफे से खाली होने वाली सीट पर अजित पवार किसी को चार साल के लिए उच्च सदन भेजेंगे।