लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर पंजाब में अकाली दल और भाजपा के बीच तालमेल की संभावना दिख रही है। शिरोमणि अकाली दल की पिछले दिनों कोर कमेटी की एक बैठक हुई, जिसमें भाजपा के साथ तालमेल की जरुरत पर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि पार्टी के ज्यादातर नेता भी चाहते हैं कि अकाली दल को अकेले लड़ने की बजाय भाजपा से तालमेल करना चाहिए। गौरतलब है कि दोनों पार्टियों के बीच लंबे समय तक तालमेल रहा है और तीन विवादित कृषि कानूनों के मसले पर हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दिया था और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा था। अब कोर कमेटी की बैठक में चर्चा के बाद पार्टी ने सुखबीर सिंह बादल को अधिकृत किया है कि वे भाजपा से तालमेल की बात करें।
उधर अकाली दल के अलग होने के बाद से भाजपा अकेले अपने को मजबूत करने की राजनीति कर रही है। कांग्रेस के दो बड़े नेताओं कैप्टेन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को भाजपा में शामिल कराया गया लेकिन शुरुआती माहौल बनने के बाद इसका कोई बड़ा राजनीतिक असर नहीं हुआ। पिछले दिनों हुए जालंधर लोकसभा सीट के उपचुनाव में दोनों पार्टियों को लगा कि साथ मिल कर लड़ते तो जीत सकते थे। दूसरी ओर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तालमेल की संभावना देखी जा रही है। तभी भाजपा और अकाली दल दोनों के अंदर इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि लोकसभा चुनाव से पहले तालमेल किया जाए।