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बिहार के बाद कहां की बारी?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जहां से गुजर रही है या जहां पहुंचने वाली है वहां कोई न कोई ऐसा काम हो रहा है, जिससे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को झटका लग रहा है। उनकी यात्रा की शुरुआत मणिपुर से हुई थी। उन्होंने 14 जनवरी को जिस दिन यात्रा शुरू की उस दिन में मुंबई में उनकी पार्टी के बड़े नेता और हाल ही में नियुक्त संयुक्त कोषाध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वह प्रतीकात्मक झटका था क्योंकि 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा 20 मार्च को मुंबई में खत्म होने वाली है। सो, पहला झटका वहां लगा, जहां यात्रा का समापन होने वाला है।

उसके बाद राहुल गांधी की यात्रा पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने वाली थी तो तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि वे कांग्रेस से तालमेल नहीं करेंगी और लोकसभा की सभी 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगी। हालांकि उनके ऐसा कहने का कोई मतलब नहीं था क्योंकि उसके एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि ममता बनर्जी से अच्छी बातचीत हो रही है और सीटों का समझौता हो जाएगा। अब भी सीट समझौते की बात चल ही रही है। तभी ऐसा लग रहा है कि किसी खास मकसद से ममता ने उस दिन तालमेल खत्म करने का बयान दिया। कई जानकार यह भी संभावना भी जता रहे हैं कि किसी बाहरी दबाव में उन्होंने राहुल की यात्रा को पंक्चर करने का काम किया।

बंगाल के बाद राहुल गांधी की यात्रा बिहार में प्रवेश करने वाली है तो उससे पहले बिहार में खेला हो गया। राहुल गांधी 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेंगे और 30 जनवरी को पूर्णिया में एक रैली को संबोधित करेंगे। उससे पहले 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने औपचारिक रूप से ‘इंडिया’ से नाता तोड़ लिया और एनडीए में शामिल हो गए। अब वे भाजपा के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने पहले से इसकी रूप-रेखा बना रखी थी। विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार का विपक्षी गठबंधन से निकल कर भाजपा के साथ जाना ‘इंडिया’ के लिए सबसे बड़ा झटका है।

तभी अब सवाल है कि बिहार के बाद किस राज्य की बारी है? भाजपा का अगला खेल कहां होगा। गौरतलब है कि बिहार के बाद राहुल की यात्रा झारखंड जाने वाली है। क्या झारखंड में अगला खेल होगा? झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पिछले कई महीनों से तलवार लटकी है। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने हेमंत सोरेन को 10वां नोटिस जारी किया है और 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है अन्यथा एजेंसी उनके आधिकारिक आवास पर जाकर पूछताछ करेगी। इस नोटिस के बाद हेमंत सोरेन दिल्ली पहुंचे ताकि कानूनी सलाह ली जाए। इस बीच खबर है कि लोकसभा चुनाव को लेकर हेमंत सोरेन ने आधी आधी सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला रखा है, जिस पर कांग्रेस को आपत्ति है। दो फरवरी से पहले झारखंड में भी कोई बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है।

By NI Political Desk

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