nayaindia Election Commission चुनाव आयोग हर बार क्या तैयारी करता है?

चुनाव आयोग हर बार क्या तैयारी करता है?

यह किसी को समझ में नहीं आता है कि हर बार चुनाव आयोग इतनी तैयारी करके चुनावों की घोषणा करता है और हर बार कुछ न कुछ कमी रह जाती है। जैसे अभी चुनाव आयोग को राजस्थान में चुनाव की तारीख बदलनी पड़ी है। सवाल है कि क्या आयोग को देवउठनी एकादशी के बारे में पता नहीं था या किसी ने बताया नहीं था? राजस्थान सहित पूरे देश में इसका बड़ा महत्व है। उस दिन चार महीने के शयन के बाद देव जगते हैं और हिंदू परिवारों में शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। लेकिन चुनाव आयोग ने उसी दिन राजस्थान में मतदान का दिन तय कर दिया। विवाद हुआ तो उसे दो दिन आगे बढ़ाया गया है।

इसी तरह मिजोरम में इस बात का विरोध हो रहा है कि तीन दिसंबर यानी रविवार के दिन मतगणना क्यों रखी गई है? मिजोरम की अधिकतर आबादी इसाइयों की है, जो रविवार को चर्च जाते हैं। लेकिन उस दिन वोटों की गिनती होगी। ईसाई बहुल पूर्वोत्तर के राज्यों में रविवार को मतदान कराने को लेकर भी पहले विवाद हुआ है। इसी तरह की एक छोटी सी गलती साल के शुरू में मेघालय और त्रिपुरा के चुनाव को लेकर हुई थी। दोनों की चुनाव की तारीखों की अदला-बदली हो गई थी। त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होना था तो उसे 27 फरवरी बताया गया था और मेघालय में 27 को मतदान होना था तो उसे 16 फरवरी बताया गया था।

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