मायानगरी मुंबई देश की वित्तीय राजधानी भी है और इस वित्तीय राजधानी के बेताज बादशाह रहे हैं बाल ठाकरे। उनकी पार्टी शिव सेना ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। वे संभवतः इकलौते नेता थे, जिन्होंने छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा टूटने के बाद खुल कर जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि शिव सैनिकों ने ढांचा गिराया है। उस समय भाजपा के शीर्ष नेता जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी इसे भारतीय राजनीति का काला अध्याय बता रहे थे। तब बाल ठाकरे ने खुल कर जिम्मेदारी ली थी और इसके लिए मुकदमों का सामना किया था। बाद में बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे और परिवार के अन्य लोग अयोध्या जाते रहे और कभी भी इस बात से इनकार नहीं किया कि शिव सेना ने अयोध्या में ढांचा गिराया था।
अब अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो रहा है तो उद्धव ठाकरे को स्पीड पोस्ट के जरिए निमंत्रण मिला है। कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव की श्रेणी में उद्धव को रखा गया है। सबसे दिलचस्प यह है कि हिंदी फिल्मों के हीरो-हीरोइन आदि को आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के बड़े पदाधिकारियों ने घूम घूम कर न्योता दिया है। बीफ खाने के नाम पर एक समय दक्षिणपंथी ट्रोल सेना के निशाने पर रहे रणबीर कपूर को तो न्योता देने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों में से एक सुनील आंबेकर खुद गए थे। उन्होंने रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को अपने हाथों से न्योता दिया था। उनके साथ संघ के एक प्रांत प्रचारक भी थे। इसी तरह विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को भी न्योता देने संघ और विहिप के नेता खुद गए थे। लेकिन उद्धव ठाकरे को न्योता स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक कार्यक्रम में विशुद्ध राजनीतिक कारण से उद्धव के साथ भेदभाव किया गया।