भारतीय जनता पार्टी की बड़ी नेता उमा भारती ऐलान कर चुकी हैं कि वे अगला चुनाव लड़ेंगी। उमा भारती 2014 से 2019 तक नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री थीं। लेकिन वे 2019 का चुनाव नहीं लड़ीं। हालांकि उस समय उनकी उम्र सिर्फ 60 साल की थी। उनके चुनाव नहीं लड़ने पर माना गया कि वे राजनीति से संन्यास ले रही हैं। लेकिन अब उन्होंने सक्रिय राजनीति में लौटने का ऐलान किया है। वे 2029 का चुनाव लड़ेंगी। उस समय उम्र 70 साल होगी। ऐसा नहीं है कि उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा करके चुप्पी साध ली है। वे राजनीति में अपने लिए जगह तलाशने के साथ साथ चुनाव लड़ने की जगह भी खोज रही हैं।
ध्यान रहे उमा भारती 2014 में उत्तर प्रदेश की झांसी सीट से लड़ी थीं। उस चुनाव में भाजपा को 71 सीटें मिली और उसकी सहयोगी अपना दल ने दो सीटें जीतीं। उसके बाद दो चुनावों में भाजपा वह प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपने गृह राज्य के साथ साथ उत्तर प्रदेश में भी जगह तलाश रही हैं। पिछले दिनों यूपी के बरेली के आवंला में स्वतंत्रता सेनानी अवंति बाई लोधी की प्रतिमा का अनावरण हुआ तो उमा भारती वहां मुख्य अतिथि थीं। उस कार्यक्रम में योगी सरकार के वरिष्ठ धर्मपाल सिंह के साथ साथ मोदी सरकार के राज्य मंत्री बीएल वर्मा और सांसद साक्षी महाराज भी मौजूद थे। एक तरह से यह लोध जाति का सम्मेलन बन गया था। ध्यान रहे कल्याण सिंह के बाद उमा भारती लोध जाति की सबसे बड़ी नेता हैं और उनके साथ हिंदुत्व की राजनीति की एक विरासत भी है। ऐसा लग रहा है कि उमा भारती अब फिर से अपनी पुरानी जगह हासिल करने का प्रयास कर रही हैं।