Saturday

14-06-2025 Vol 19

मायावती के वोट के लिए अखिलेश का सद्भाव

399 Views

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमाल किया। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती के प्रति जबरदस्त सद्भाव दिखाया है। सद्भाव से ज्यादा अखिलेश ने मायावती का ऐसे मुद्दे पर बचाव किया है, जिस पर बसपा के नेता भी बचाव नहीं करते हैं। बसपा प्रमुख मायावती के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर अब बसपा में भी उबाल नहीं आता है। अगर कोई मायावती की ईमानदारी पर सवाल उठाता है तो बसपा के शीर्ष नेता भी उस पर बयान नहीं देते हैं। लेकिन भाजपा के एक विधायक ने मायावती को भ्रष्ट बताया और अखिलेश यादव उबल पड़े। उन्होंने भाजपा विधायक को खूब खरी खोटी सुनाई, उनसे माफी मांगने को कहा नहीं तो उनके खिलाफ मानहानि की कार्रवाई चलाने की बात कही। सोचें, बसपा के नेताओं ने जिस मसले पर कुछ नहीं कहा उस पर अखिलेश ने बहनजी का बचाव किया।

अखिलेश के इस सद्भाव पर मायावती ने उनको धन्यवाद दिया। लेकिन जिस दिन अखिलेश ने मायावती के पक्ष में लड़ाई लड़ी उसी दिन मायावती ने यह भी साफ किया कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ उनका तालमेल कभी नहीं हो सकता है क्योंकि ये दोनों पार्टियां आरक्षण विरोधी हैं। सोचें, मायावती ने अखिलेश को आरक्षण विरोधी बताया और दूसरी ओर अखिलेश ने मायावती के ईमानदार होने की बात कही। इसका क्या मतलब है? अब जबकि अखिलेश ने खुद ही मायावती को ईमानदार होने का तमगा दिया है तो आगे के चुनाव में अखिलेश या समाजवादी पार्टी उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप कैसे लगाएंगे? ऐसा लग रहा है कि अखिलेश ने अपने लिए एक बाधा खड़ी कर ली है। लेकिन सपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि मायावती के वोट को लेकर अखिलेश ने यह बयान दिया है। लोकसभा चुनाव में मायावती के कोर वोट का कुछ हिस्सा समाजवादी पार्टी के साथ गया था। तभी मायावती के प्रति सद्भाव दिखा कर अखिलेश उस वोट को अपने साथ और कंसोलिडेट करना चाह रहे हैं। लेकिन अगर मायावती और उनके भतीजे अखिलेश आनंद पूरी ताकत से लड़ेंगे तब कहां से वह वोट सपा के साथ आएगा!

मोहन कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *