एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें असम के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया एक नेता पर भड़क रहे हैं और बगल में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा खड़े हैं। नेता हैं जयंत मल्ला बरुआ। वे नलबाड़ी के विधायक हैं और राज्य सरकार के मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि नलबाड़ी के एक इलाके में भाजपा के मंडल कार्यालय का उद्घाटन था।
उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री पहुंचे थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया को ही वहां प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। बड़ी मुश्किल से वे अंदर घुस पाए तो उन्होंने स्थानीय विधायक और मंत्री जयंत मल्ला बरुआ को फटकार लगाई। मुख्यमंत्री बगल में खड़े थे। सैकिया की असली नाराजगी मुख्यमंत्री सरमा से थी लेकिन वे उनको बोल नहीं सकते थे तो स्थानीय विधायक को सुना रहे थे।
भाजपा कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष को रोका गया
प्रदेश अध्यक्ष सैकिया ने कहा कि यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि पार्टी का कार्यक्रम है और इसलिए पार्टी के पदाधिकारियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने बरुआ से कहा कि ऐसा कैसे हुआ कि उनके क्षेत्र में कार्यक्रम हो रहा है और प्रदेश अध्यक्ष को ही सुरक्षा कारणों से रोका जा रहा है? राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे नया ट्विस्ट दिया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा है कि, ‘सिंडिकेट के सरदार को और आरएसएस के वफादारों से कड़ी टक्कर मिल रही है’। असल में हिमंत बिस्वा सरमा और जयंत मल्ला बरुआ कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं, जबकि दिलीप सैकिया पुराने भाजपा नेता हैं। कहा जा रहा है कि जिस भवन का उद्घाटन होना था उसमें मुख्यमंत्री, मंत्री और पार्टी के मंडल अध्यक्ष वगैरह पहले से पहुंचे थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष को घुसने नहीं दिया जा रहा था।
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