भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में विधायक दल का नेता तय कर दिया है। केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव और के लक्ष्मण की मौजूदगी में बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके अगले दिन विधानसभा में घोषणा हो गई कि वे नेता प्रतिपक्ष होंगे। पांच साल पहले 2019 के चुनाव के बाद भी जब मरांडी ने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में किया तब भी भाजपा ने उनको विधायक दल का नेता चुना था लेकिन तब उनकी पुरानी पार्टी के दो विधायकों ने दलबदल की शिकायत कर दी और इस आधार पर स्पीकर ने उनको चार साल तक नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया। बाद में थक हार कर भाजपा नेतृत्व ने उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाया और दलित समाज के अमर बाउरी को विधायक दल का नेता बनाया। इस बार चुनाव में अमर बाउरी हार गए।
सो, अभी बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और विधायक दल के नेता भी हैं। कहा जा रहा है कि जल्दी ही नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होगा। विधानसभा चुनाव के बीच में भाजपा ने सवर्ण समाज के रविंद्र राय को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। तभी यह चर्चा है कि रविंद्र राय को पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। एक दूसरी चर्चा किसी ओबीसी नेता को अध्यक्ष बनाने की है। हालांकि प्रदेश से कई ओबीसी नेता राज्यसभा में हैं और ओबीसी सांसद अन्नपूर्ण देवी को केंद्र में मंत्री बनाया गया है। दूसरे मंत्री संजय सेठ हैं, जो पंजाबी समुदाय से आते हैं। तभी यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा दलित, ओबीसी और सवर्ण का संतुलन कैसे बनाती है। पिछले दिनों ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर आए रघुबर दास भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। उनको भी प्रदेश अध्यक्ष या केंद्रीय संगठन में पद दिए जाने की चर्चा है। भूपेंद्र यादव के पर्यवेक्षक बन कर जाने के बाद से ओबीसी अध्यक्ष की चर्चा तेज हो गई है।