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01-05-2025 Vol 19

महाराष्ट्र पर हो सकता है बड़ा फैसला

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महाराष्ट्र को लेकर अचानक घटनाक्रम तेजी से बदलने लगा है। राजनीतिक, कानूनी और सामाजिक तीनों तरह की घटनाएं अचानक घटित होने लगी हैं। मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर भूख हड़ताल पर हैं। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के चार साल पुराना एक वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करने से मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें शुरू हो गईं। हालांकि भाजपा ने बाद में फड़नवीस का पोस्ट हटवाया और स्थिति स्पष्ट की। दूसरी ओर दशहरा की छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट खुलने के पहले ही दिन यानी 30 अक्टूबर को विधायकों की अयोग्यता के मामले में शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट की याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।

पिछली दो सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के स्पीकर को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने पिछली सुनवाई में 17 अक्टूबर को कहा था कि स्पीकर विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला करने की एक व्यावहारिक टाइमलाइन बताएं। अदालत ने यहां तक कहा था कि वह कोई आदेश पारित कर सकती है। इससे पहले एक बार सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए स्पीकर से कहा था कि वे अनंतकाल तक अयोग्यता का मामला लटकाए नहीं रख सकते हैं। ध्यान रहे अयोग्यता का पहला मामला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों को लेकर है। सबसे पहले उद्धव ठाकरे ने उनकी शिकायत की थी। अगर इनकी सदस्यता जाती है तो शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।

तभी सवाल है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले देवेंद्र फड़नवीस की ओर से चार साल पुराना वीडियो पोस्ट करने का क्या मतलब था? क्या उनको नहीं पता था कि इस तरह की वीडियो पोस्ट करने से कंफ्यूजन होगी? इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि वे वापसी करेंगे और नए महाराष्ट्र के निर्माण का काम आगे बढाएंगे। बाद में पार्टी ने उनसे यह पोस्ट हटवाई और खुद फड़नवीस ने कहा कि शिंदे मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल पूरा करेंगे। लेकिन उनके वीडियो से यह निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि शिंदे की सदस्यता जा सकती है और उनकी जगह नया व्यक्ति मुख्यमंत्री बन सकता है, फड़नवीस हो सकते हैं। पता नहीं ऐसा होगा या नहीं लेकिन इससे अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

उधर मराठा आरक्षण का मामला जोर पकड़ रहा है। मनोज जरांगे पाटिल ने फिर से भूख हड़ताल शुरू की है और इस बार पूरे राज्य में आत्महत्याओं का दौर चल रहा है। पिछले 10 दिन में 11 लोगों ने खुदकुशी कर ली है। इससे सरकार बहुत दबाव में है। ऊपर से पाटिल की हालत बिगड़ रही है और साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इससे मराठा आरक्षण की मांग पूरे प्रदेश में फैल गई है। दूसरी ओर इस आरक्षण आंदोलन को लेकर ओबीसी समुदाय में चिंता है। भाजपा की दुविधा यह है कि उसे मराठा और ओबीसी दोनों वोट साधना है। सो, अगले कुछ दिन महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बहुत अहम हैं।

NI Political Desk

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