प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दक्षिण भारत के दौरे पर गए तो उन्होंने केरल में अडानी समूह के बनाए विझिंजम पोर्ट का उद्घाटन किया। यह मौका राज्य की विजयन सरकार के चार साल पूरे होने का भी था। इस मौके पर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के साथ साथ तिरूवनंतपुरम के कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी बैठे। लेकिन हैरानी की बात थी तिरूवनंतपुरम में थरूर से हारे राजीव चंद्रशेखर भी मंच पर बैठे। पिछले दिनों उनको भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। अब सवाल है कि किसी प्रोटोकॉल के तहत उनको मंच पर जगह मिली? क्या सभी पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों के मंच पर बैठने का प्रावधान था? जब नहीं था तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को क्यों बैठाया गया?
यह सवाल राज्य के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के दामाद पीए मोहम्मद रियासी की एक पोस्ट से उठा है। उन्होंने एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे केरल सरकार के मंत्रियों के साथ दर्शकों के बीच बैठे हैं। उनकी तस्वीर में मुख्यमंत्री की पत्नी कमला विजयन भी हैं और राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपान भी हैं। रियासी ने लिखा कि राज्य सरकार के मंत्री और प्रदेश सीपीएम के सचिव एमवी गोविंदन जनता के बीच बैठे हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर को मंच पर जगह मिली है। इस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद से विवाद मचा है। कांग्रेस कह रही है कि लेफ्ट और भाजपा मिल गए हैं। कांग्रेस दोनों में अंदरखाने तालमेल की बात कर रही है। सीपीएम के नेता भी चुप हैं। हो सकता है कि उनकी यह कोई टैक्टिकल लाइन हो। ध्यान रहे लेफ्ट के नेता, जब भी वैचारिक विचलन का शिकार होते हैं तो टैक्टिकल लाइन की बात करते हैं।