राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

लालू, राबड़ी का घर क्यों बदलना है?

बिहार में नई सरकार जनता दल यू यानी नीतीश कुमार की कम और भाजपा की ज्यादा है इसका संकेत मिलने लगा है। कैबिनेट की पहली बैठक में जो एजेंडा तय हुआ है उसे देख कर लग रहा है कि बिहार के लोगों को विकास का ऐसा सब्जबाग दिखाना है, जैसा पहले उन्होंने कभी नहीं देखा हो। यह नीतीश कुमार मॉडल नहीं है। वे कभी भी ऐसा एजेंडा नहीं तय करते हैं, जिसे पूरा नहीं किया जा सकता हो। मिसाल के तौर पर बिहार में 11 सेटेलाइट शहर बसाने का फैसला किया गया है। नीतीश ने 20 साल में कभी ऐसा फैसला नहीं किया। फिनटेक सिटी, आईटी सिटी, सेमीकंडक्टर, एआई आदि के विकास के लिए पार्क बनाने का एजेंडा तय हुआ है। इसी के साथ पहली कैबिनेट के दिन ही यानी मंगलवार, 25 नवंबर को नए जीते विधायकों के बंगले आवंटित करने का फैसला हुआ।

राज्य सरकार ने राबड़ी देवी को आवंटित 10, सरकुलर रोड का बंगला खाली कराने का फैसला किया है। राबड़ी देवी को 39, स्ट्रैंड रोड का बंगला आवंटित हुआ। यह भी बड़ा बंगला है और मंत्रियों के लिए आवंटित होता है। लेकिन सोचें, लालू प्रसाद का परिवार पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से 10, सरकुलर रोड में रह रहा है। पहले यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री के नाते राबड़ी देवी को आवंटित हुआ था। परंतु पटना हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर के लिए बंगला आवंटित करने के नियम को रद्द कर दिया और उसके बाद राज्य सरकार ने फैसले को स्वीकार कर लिया। तब राबड़ी देवी को विधान परिषद में नेता विपक्ष के नाते यह बंगला आवंटित हो गया। अभी कुछ नहीं बदला है। वे अब भी विधान परिषद में नेता विपक्ष हैं फिर भी उनका बंगला खाली करने का फैसला हो गया। इस तरह के फैसले नीतीश कुमार नहीं करते। तेज प्रताप यादव हार गए हैं तो उनका बंगला खाली होगा लेकिन राबड़ी देवी का बंगला खाली कराने का मकसद उनके परिवार को परेशान करना है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *