राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

स्टालिन ने धर्मेंद्र के निधन पर श्रद्धांजलि नहीं दी

हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता धर्मेंद्र का सोमवार, 24 नवंबर को निधन हुआ। पूरे देश ने उनके निधन पर शोक जताया और श्रद्धांजलि दी। वे हिंदी सिनेमा के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले सितारे थे और ऐसा सिर्फ उनके अभिनय के कारण नहीं था, बल्कि निजी व्यवहार, जिंदादिली और दरियादिली की वजह से था। उन्होंने मुंबई पहुंचने वाले तमाम नए कलाकारों की बड़े उदार ढंग से मदद की है। तभी उनके निधन पर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सहित देश के लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शोक जताया और श्रद्धांजलि दी। पूरे देश के महत्वपूर्ण लोगों में सिर्फ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हैं, जिन्होंने धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि नहीं दी।

ध्यान रहे धर्मेंद्र ने हिंदी के अलावा किसी दूसरी भाषा की फिल्म में काम नहीं किया। इसलिए स्टालिन को लग रहा है कि वे किसी हिंदी स्टार के निधन पर क्यों शोक जताएं? वे चुनावी साल में हिंदी विरोध को इस स्तर तक नीचे ले आए हैं। सोचें, धर्मेंद्र की पत्नी हेमामालिनी तमिलनाडु की हैं। फिर भी सबसे बड़े तमिल नेता को शोक जताने में समस्या हो रहा है। केरल में भी विधानसभा का चुनाव होना है लेकिन वहां के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बड़े ऐहतराम के साथ धर्मेंद्र को याद किया है और उनको श्रद्धांजलि दी है। स्टालिन की ही तरह भाषा और क्षेत्रीय पहचान के प्रति संवेदनशील कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दी है लेकिन स्टालिन को लग रहा है कि श्रद्धांजलि नहीं देंगे तो हिंदी का विरोध करने वाले चेहरे के तौर पर वे ज्यादा मजबूती से स्थापित होंगे। जब स्टालिन ने श्रद्धांजलि नहीं दी तो उनकी पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी नहीं दी।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *