प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले कुछ समय से गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाने की बात कर रहे हैं लेकिन अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के संबोधन में इसका जिक्र करना बहुत अहम है। वहां प्रधानमंत्री ने सिर्फ गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने की बात नहीं कही, बल्कि याद दिलाया कि अंग्रेजी राज में मैकाले ने एक सिस्टम बनाया, जिसके असर में देश मानसिक रूप से गुलाम होता गया। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने गुलामी के प्रतीकों, कानूनों को हटना शुरू किया है और लोगों की मानसिकता बदलने का गंभीर प्रयास किया है।
इसके साथ ही उन्होंने एक नया लक्ष्य भी तय किया। उन्होंने बताया कि 190 साल पहले यानी 1835 में मैकाले ने गुलामी की मानसिकता के बोज रोपे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल में उस ‘अपवित्र घटना’ के दो सौ साल पूरे हो रहे हैं। उससे पहले भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना है। उन्होंने पहले से 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया है और अब उसी में 2035 तक भारत को मैकाले मॉडल से हटा कर गुलामी की मानसिकता मिटाने का लक्ष्य भी तय किया है। वैसे भी लक्ष्य तय करने में क्या दिक्कत है!


