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20-06-2025 Vol 19

अधिवेशन में इतनी गलतियां किसने कराईं?

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कांग्रेस का रायपुर अधिवेशन सोनिया और राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा या मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण की वजह से बहुत ज्यादा चर्चा में नहीं रहा और न अधिवेशन में मंजूर किए गए प्रस्तावों को लेकर ज्यादा चर्चा हुई। सबसे ज्यादा चर्चा जाने अनजाने में हुई गलतियों के कारण हुई। इन गलतियों पर कांग्रेस सफाई देती रही, सुधार करती रही लेकिन सोशल मीडिया में और मुख्यधारा की मीडिया में भी इसका मुद्दा बनता रहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक गलती पकड़ कर उसका मुद्दा बनाया और कर्नाटक में उस मुद्दे पर चुनावी लाभ लेने का प्रयास किया।

उन्होंने अधिवेशन की एक फोटो का हवाला देते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे सबसे वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके लिए छतरी नहीं लगाई गई थी, इससे पता चलता है कि उनका रिमोट कंट्रोल कहां है। असल में एक कार्यक्रम में एक सहायक सोनिया गांधी के लिए छतरी लेकर खड़ा था, जबकि खड़गे थोड़ी दूरी पर बिना छतरी के खड़े थे। यह एक सामान्य बात थी। सोनिया गांधी की तबियत ठीक नहीं है इसलिए उनके लिए छतरी लगवाई गई होगी। लेकिन वैसी ही एक छतरी खड़गे के लिए भी लगवाई जा सकती थी। पार्टी ने उन्हीं के लिए अधिवेशन का आयोजन किया था इसलिए इतना तो कर ही सकती थी। सबको पता है कि इस तरह की तस्वीरें कितनी पावरफुल होती हैं और उनका कितना प्रतीकात्मक महत्व होता है।

इसी तरह अधिवेशन के आखिरी दिन कांग्रेस ने कई अखबारों में विज्ञापन देकर उस दिन होने वाली हाथ से हाथ जोड़ो रैली के बारे में बताया। उसमें 10 नेताओं की तस्वीर छपी थी लेकिन एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं था। मौलाना अबुल कलाम आजादी की तस्वीर उसमें नहीं थी। इस पर जब आलोचना शुरू हुई तो कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने गलती मानी और माफी मांगी। उन्होंने कहा कि जिसने भी यह गलती की है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अभी तक पता नहीं चला है कि किसने गलती थी और क्या कार्रवाई हुई है।

इसी तरह एक दस्तावेज में महात्मा गांधी के बलिदान दिवस की तारीख गलत लिख दिया गया। कांग्रेस की ओर से पेश एक प्रस्ताव में 30 जनवरी की जगह 30 अक्टूबर 1948 लिखा हुआ था। हालांकि बाद में जब प्रस्ताव मंजूर हुआ तब तारीख ठीक की गई। कांग्रेस के अधिवेशन की एक चर्चा प्रियंका गांधी वाड्रा के स्वागत के लिए ढाई किलोमीटर तक बिछाई गई गुलाब की पंखुड़ियों को लेकर हुई। यह एक पीआर डिजास्टर था। गुलाब की पंखुड़ियों पर फिसल कर गाड़ियां टकराईं वह अपनी जगह है कि लेकिन इससे यह संदेश गया कि कांग्रेस जो सादगी, त्याग आदि की बातें कर रही है वह दिखावा है। सोशल मीडिया में गुलाब की पंखुड़ियों से सजे ढाई किलोमीटर की सड़क का वीडिया वायरल हुआ और टनों गुलाब पर खर्च हुए पैसे का हिसाब लगाया गया। इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस के नेता इसका श्रेय लेने के लिए लड़ते रहे। उनको समझ ही नहीं आया अपनी चापलूसी में उन्होंने पार्टी का कितना नुकसान किया।

NI Political Desk

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