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राष्ट्रीय मुद्दे कोई नहीं उठा रहा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव कई मायने में बहुत अनोखा है। उसके अनोखेपन का एक पहलू यह है कि किसी भी पार्टी का नेता राष्ट्रीय मुद्दे नहीं उठा रहा है। यहां तक कि अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के नाम पर चुनाव लड़ रही भाजपा भी कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं उठा रही है। हो सकता है कि कोई भी पार्टी असली मुद्दा नहीं उठा रही है इसलिए राष्ट्रीय मुद्दे भी सामने नहीं आ रहे हैं। भाजपा को चिंता है कि अगर असली मुद्दे उठाए गए तो उन पर जवाब देना होगा। दूसरी ओर कांग्रेस को लग रहा है कि अगर असली और राष्ट्रीय मुद्दे उठाए गए तो भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को तस्वीर में लाना होगा, जो ठीक नहीं होगा। इसलिए राष्ट्रीय मुद्दों पर सब चुप हैं।

सवाल है कि राष्ट्रीय मुद्दा क्या है, जिसे कांग्रेस को उठाना चाहिए? सबसे बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा मणिपुर का है, जहां आदिवासी और मैती समुदाय के बीच संघर्ष में 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, एक सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और 14 हजार के करीब लोग घर छोड़ कर भागे हैं। देश के अंदर की बड़े हिस्से में सेना तैनात है और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को नियुक्त किया गया है। पड़ोसी राज्य मेघालय में भी हिंसा हुई है और दिल्ली तक में दोनों समुदाय के छात्रों के बीच टकराव हुआ है। बहुत दिलचस्प है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में इसका मुद्दा बना रही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब को संभाल लिया लेकिन भाजपा से मणिपुर नहीं संभल रहा है।

एक असली और राष्ट्रीय मुद्दा दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे देश के नामी पहलवानों का है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पहलवानों को समर्थन देने जंतर मंतर गई थीं। यह राष्ट्रीय शर्म का मुद्दा बना हुआ है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है और कार्रवाई के लिए 15 दिन से ज्यादा से धरने पर बैठी हैं। पर कांग्रेस इसे मुद्दा नहीं बना रही है। कर्नाटक के चुनाव में इसका जिक्र नहीं किया जा रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी में लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया था लेकिन कर्नाटक में यह नारा नहीं दिया जा रहा है।

तीसरा बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा जम्मू कश्मीर में सुरक्षा का है। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के पांच जवान एक साथ शहीद हुए हैं। आतंकवादियों ने आईईडी विस्फोट करके सेना के दस्ते पर हमला किया। एक सैन्य अधिकारी भी घायल हुआ है। आतंकवाद समाप्त कर देने का दावा करने वाली सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए। लेकिन न तो कोई सरकार से जवाब मांग रहा है और न सरकार जवाब दे रही है।

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