राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

पवार से कांग्रेस को लड़ने की जरूरत नहीं

महाराष्ट्र में कांग्रेस के पास ऐसे नेता हैं, जो बात बात में किसी भी सहयोगी पार्टी से लड़ने लगते हैं। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पिछले काफी समय से शिव सेना से लड़ते रहे हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे को भी निशाना बनाया है और कई बार कहा है कि कांग्रेस और शिव सेना स्वाभाविक सहयोगी नहीं हैं। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का झगड़ा एनसीपी के साथ चलता रहता है। अजित पवार ने खुल कर यह बात कही भी है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे तब काम करने में ज्यादा आसानी थी लेकिन जब कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण मुख्यमंत्री थे तब दिक्कत होती थी। उन्होंने विलासराव देशमुख या अशोक चव्हाण का नाम नहीं लिया। उनके निशाने पर पृथ्वीराज चव्हाण थे।

बहरहाल, अब नाना पटोले ने शरद पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर एनसीपी अलग हो जाती है तो कांग्रेस को फायदा होगा। सोचें, कांग्रेस को कैसे फायदा होगा? पिछली बार एनसीपी और कांग्रेस विधानसभा का चुनाव अलग अलग लड़े थे तो एनसीपी को 54 और कांग्रेस को सिर्फ 45 सीटें मिलीं। कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बन गई। फिर भी नाना पटोले को लग रहा है कि एनसीपी के अलग होने से फायदा होगा! जानकार सूत्रों का कहना है कि उनको बार बार केंद्रीय नेतृत्व की ओर से सलाह दी जा रही है कि वे सहयोगियों के खिलाफ बयानबाजी नहीं करें। लेकिन ऐसा लग रहा है कि वे जान चुके हैं कि अध्यक्ष पद पर वे बहुत थोड़े दिन के मेहमान हैं। इसलिए वे कुछ भी बयान दे रहे हैं। उनके बयानों से सिर्फ कांग्रेस को नहीं, बल्कि पूरे गठबंधन को नुकसान हो रहा है। अगर पवार परिवार अलग होने का बहाना खोज रहा होगा तो इससे उसकी मुराद पूरी हो जाएगी। इसलिए कांग्रेस और शिव सेना दोनों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *