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15-05-2025 Vol 19

चारधाम यात्रा पर संकट, इस बड़ी वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में 30% गिरावट

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उत्तराखंड की पावन धरती पर स्थित चारधाम यात्रा 2025…केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री।  भारतीय संस्कृति और आस्था का अमूल्य प्रतीक हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इन दिव्य धामों की यात्रा कर मोक्ष की कामना करते हैं। इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हुई चारधाम यात्रा 2025 ने एक बार फिर से भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है।

यात्रा के आरंभिक 13 दिनों में लगभग 6 लाख 62 हजार 426 श्रद्धालुओं ने इन पवित्र स्थलों के दर्शन किए हैं। यह संख्या भले ही विशाल प्रतीत होती हो, परंतु पिछले वर्ष की तुलना में इसमें लगभग 30% की गिरावट देखी गई है। 2024 में इतने ही दिनों में लगभग 8 लाख 85 हजार तीर्थयात्री चारधाम यात्रा 2025 पहुँच चुके थे।

इस गिरावट का मुख्य कारण भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न हुआ तनाव रहा, जिससे देशभर में एक अनिश्चितता का माहौल बना और श्रद्धालुओं ने यात्रा में संकोच दिखाया। लेकिन जैसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति में सुधार हुआ और दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ, चारधाम यात्रा 2025 ने भी धीरे-धीरे फिर से गति पकड़ ली है।

अब चारों धामों की ओर श्रद्धालुओं का रुझान एक बार फिर बढ़ने लगा है। तीर्थ यात्रा के प्रति उत्साह लौट आया है और यात्रियों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है।

अब तक चारधाम यात्रा 2025 के दर्शन के लिए 27 लाख 74 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण करा लिया है, जो इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धा की लौ कभी मंद नहीं होती — बस समय और परिस्थितियों का थोड़ा असर अवश्य पड़ता है।

उत्तराखंड सरकार और प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी के साथ यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सुव्यवस्था सुनिश्चित करने में लगा है। चाहे वह मार्गों की साफ-सफाई हो, ठहरने की व्यवस्था हो या स्वास्थ्य सेवाएं — हर क्षेत्र में प्रशासन यात्रियों की सेवा में तत्पर है।

चारधाम यात्रा 2025 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यावरणीय संतुलन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस वर्ष की यात्रा भले ही धीमी गति से शुरू हुई हो, लेकिन यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में और भी बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।

मई और जून में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

चारधाम यात्रा 2025 का विशेष महत्व भारतीय संस्कृति और श्रद्धा में गहराई से जुड़ा हुआ है। हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान के दर्शन हेतु उत्तराखंड के पवित्र धामों – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – की ओर रुख करते हैं।

विशेष रूप से मई और जून के महीने इस यात्रा के लिए सबसे अनुकूल और व्यस्ततम समय माने जाते हैं। यही वह समय होता है जब यात्रा अपने चरम पर पहुंचती है। पिछले वर्षों के आंकड़ों और अनुभवों को देखें तो यह स्पष्ट है कि मई-जून के महीनों में सबसे अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर निकलते हैं।

स्कूलों की गर्मी की छुट्टियों और पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम के अपेक्षाकृत सुहावना रहने के कारण इस अवधि में यात्रियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होता है। परिवारों के साथ आने वाले तीर्थयात्री, बुजुर्ग श्रद्धालु और युवा भक्त—सभी इस आध्यात्मिक अनुभव में सम्मिलित होते हैं।

हालांकि हालिया कुछ वर्षों में महामारी या मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण कुछ अस्थायी व्यवधान देखने को मिले, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हो रही है, चारधाम यात्रा 2025 श्रद्धालुओं की संख्या फिर से तेजी से बढ़ रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि आस्था की यह यात्रा एक बार फिर अपने परंपरागत जोश और श्रद्धा के साथ पुनः जीवित हो चुकी है।

यात्रियों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम लिए गए

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए राज्य सरकार और पर्यटन विभाग द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पर्यटन सचिव श्री सचिन कुर्वे ने यह स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 पूरी तरह से सुरक्षित है। यात्रियों की सुविधा हेतु हर जरूरी कदम उठाया गया है।

इस वर्ष विशेष रूप से एक नई पहल के तहत आधार बेस पंजीकरण की शुरुआत की गई है, जिससे यात्रियों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े और उन्हें व्यवस्थित रूप से दर्शन का अवसर मिल सके।

इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर चिकित्सा सुविधाएं, सुरक्षा बलों की तैनाती, खाने-पीने की उचित व्यवस्था और रात्रि विश्राम के सुरक्षित स्थान भी सुनिश्चित किए गए हैं। सरकार की ओर से यह लगातार प्रयास किया जा रहा है कि श्रद्धालु बिना किसी चिंता के अपने धार्मिक अनुभव का पूरा आनंद उठा सकें।

कुल मिलाकर, मई और जून में चारधाम यात्रा 2025 एक अलौकिक वातावरण में डूबा हुआ पावन अनुभव बन जाता है। यह न केवल एक धार्मिक यात्रा होती है, बल्कि भारतीय संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और संगठनात्मक कुशलता का भी जीवंत उदाहरण पेश करती है। जो लोग इस अवसर पर चारधाम की यात्रा का मन बना रहे हैं, उनके लिए यह समय सबसे उत्तम और सुव्यवस्थित माना जा सकता है।

आधार पर ही हो रहा बस पंजीकरण

इस वर्ष बसों का पंजीकरण केवल आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। पर्यटन विभाग के सचिव श्री सचिन कुर्वे ने बताया कि जो यात्री समूह में यात्रा कर रहे हैं और जिनकी संख्या 25 या उससे अधिक है, उनका पंजीकरण सीधे उनके होटल या धर्मशाला में जाकर किया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की विशेष टीम कार्यरत है।

यदि किसी समूह को पंजीकरण कराना है, तो वे टोल फ्री नंबर 0135-1364 पर कॉल कर सकते हैं। कॉल के बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर यात्रियों का पंजीकरण करेगी।

चारों धाम में दर्शन कर चुके यात्री

यमुनोत्री — 131413

गंगोत्री ——115480

केदारनाथ —270002

बद्रीनाथ —-145552

कुल ———662447

अब तक हुए कुल रजिस्ट्रेशन

यमुनोत्री —4,50,273

गंगोत्री—– 4,94,857

केदारनाथ —936146

बद्रीनाथ —-8,40,196

कुल ——- 27,74,285

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Pic Credit – GROK  

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