पाकिस्तान को कम आंकना बंद करें!
पाकिस्तान को कम मत आंकिए। मुनीर की कमान में वह महत्वाकांक्षा और ताक़त दोनों को फिर से हासिल कर रहा है। एक नया त्रिकोण बन रहा है: पाकिस्तान के पास ट्रंप हैं सहारे के लिए, चीन हथियार देने को, तुर्की शौर करने को, और अब सऊदी अरब धन देने को। ब्रहमा चेलानी की हाल में टिप्पणी थी कि सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता दिवालियेपन के कगार पर खडे “पाकिस्तान की ताक़त का नहीं बल्कि सऊदी अरब की महत्वाकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।” मगर पाकिस्तान को केवल उसकी चरमराती अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखना, उस शातिर व ख़तरनाक खेल को नज़रअंदाज़ करना है जो...