फिर भी चक्का जाम!
मंत्रियों और सरकार समर्थक विश्लेषकों के मुताबिक यह नए निवेश के लिए आदर्श समय है। मगर हकीकत यह है कि अब तक निवेश- उत्पादन- रोजगार सृजन- उपभोग एवं वृद्धि और उससे प्रेरित नए निवेश का चक्का हिला तक नहीं है। संभव है कि नरेंद्र मोदी सरकार के अंदर सचमुच यह समझ हो कि अर्थव्यवस्था में गति भरने के लिए वह जो कर सकती थी, कर दिया है। केंद्रीय मंत्री यह कहते सुने गए हैं कि अब यह निजी क्षेत्र पर है कि सरकार की बनाई अनुकूल स्थितियों के अनुरूप आचरण वह करे। निजी क्षेत्र से उम्मीद जोड़ी गई है कि...