पैसे वाले ही पढ़ेंगे?
प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का खर्च सरकारी विद्यालयों की तुलना में नौ गुना अधिक है। तो अनुमान लगाया जा सकता है कि जो माता-पिता खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, वे ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। भारत में अपने बच्चों के लिए अभिभावकों की पहली पसंद प्राइवेट स्कूल हैं। इन स्कूलों में पढ़ाने का खर्च सरकारी विद्यालयों की तुलना में नौ गुना अधिक है। तो अनुमान लगाया जा सकता है कि जो माता-पिता यह खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, वे ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। वैसे आज भी 55.9...