education

  • पैसे वाले ही पढ़ेंगे?

    प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने का खर्च सरकारी विद्यालयों की तुलना में नौ गुना अधिक है। तो अनुमान लगाया जा सकता है कि जो माता-पिता खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, वे ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। भारत में अपने बच्चों के लिए अभिभावकों की पहली पसंद प्राइवेट स्कूल हैं। इन स्कूलों में पढ़ाने का खर्च सरकारी विद्यालयों की तुलना में नौ गुना अधिक है। तो अनुमान लगाया जा सकता है कि जो माता-पिता यह खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं, वे ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं। वैसे आज भी 55.9...

  • गांधी परिवार का गुणगान नहीं चलेगा!

    राजस्थान सरकार ने 11वीं और 12वीं की उन किताबों को रद्द कर दिया है, जिनमें गांधी परिवार का बहुत गुणगान था। राजस्थान के स्कूलों में पूरक पाठ्यपुस्तक के तौर पर ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ भाग एक और भाग दो की पढ़ाई होती है। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि राज्य के छात्र बिना मतलब के इन किताबों को पढ़ते हैं क्योंकि इनसे कोई अंक उनको नहीं मिलता है। इसलिए सरकार ने इन किताबों की पढ़ाई रूकवा दी है। हालांकि इसका असली कारण यह है कि सरकार को लग रहा है कि इन किताबों में...

  • बिहार में लॉटरी से चुने गए कॉलेजों के प्रिंसिपल

    बिहार में सरकार भगवान भरोसे चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए विपक्षी नेता लगातार कह रहे हैं कि वे अचेतावस्था में हैं और उनको अब अपनी सरकार के मंत्रियों के नाम भी याद नहीं हैं। तभी राज्य में सभी मंत्री और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। किसी पर किसी का जोर नहीं है। इसकी एक मिसाल पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में प्रिंसिपलों की नियुक्ति में दिखाई देती है। सोचें, पटना यूनिवर्सिटी एक सौ साल पुराना विश्वविद्यालय है और अध्यापन का उसका गौरवशाली इतिहास रहा है। वहां नामांकन होना प्रतिष्ठा की बात मानी जाती थी। आज स्थिति यह है...

  • फ़र्ज़ी कॉलेज के जाल में मासूम छात्र

    पर छोटे शहरों की छोडें, प्रांतों की राजधानी तक में ऐसे तमाम फर्जी विश्वविद्यालयों के बोर्ड लगे मिल जाएंगे। स्थानीय सरकारें सब जानते हुए भी खामोश बैठी रहती हैं। कारण साफ है। प्रायः इन कॉलेजों के संस्थापक या प्रबंधक क्षेत्र या प्रांत के प्रतिष्ठित राजनेता होते हैं, जिनकी रुचि शिक्षा के प्रसार में नहीं बल्कि बेरोजगारों की मजबूरी का फायदा उठाकर मोटी कमाई करने में होती है। देश में सूचना क्रान्ति, उदारीकरण और उपभोक्ता संस्कृति तीनों ने मिलकर गांव और कस्बों के नौजवानों के मन में कुछ नया सीखने और व्यावसायिक जगत में आगे बढ़ने की ललक पैदा की हुई...

  • भविष्य का सवाल है

    भारत में छात्र काम-चलाऊ डिग्री के साथ रोजी-रोटी कमाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। क्या भारत का सपना अग्रणी देशों के लिए तकनीकी श्रमिक मुहैया कराने भर का है? ऐसा नहीं है, तो सरकार को तुरंत बुनियादी सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए।  भारत का भविष्य संवारने के लिहाज से इससे चिंताजनक खबर और क्या हो सकती है कि देश में एम-टेक कोर्स का आकर्षण घटता ही जा रहा है। पिछले दो शैक्षिक सत्रों में इस उच्च कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या गिर कर सिर्फ 45 हजार रह गई है। यह सात का सबसे निचला स्तर...

  • शिक्षा पर सार्थक फिल्मों की जरुरत

    राजनीतिक घटनाक्रमों और राजनेताओं पर हमेशा फ़िल्में बनती रहीं हैं। जब जिस विचारधारा का ज़्यादा प्रभाव रहता है, उसके पक्ष की कहानियां प्रमुखता पातीं हैं और विपक्ष के क़िस्सों को अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ता है। कुछ फ़िल्में ऐसी भी होती हैं जो दलगत विचारधारा से आगे निकल कर समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभाने का काम करती हैं। ऐसे मामलों में ही सिनेमा एक माध्यम के रूप में बेहद सार्थक भूमिका निभाता है। 'सिने-सोहबत' में आज की फ़िल्म है 'दसवीं', जिसके  निर्देशक हैं तुषार जलोटा। ये उनकी निर्देशित पहली फ़िल्म थी। इस फिल्म के लेखक हैं रितेश शाह,...

  • वाचाल नेता, लाचार शिक्षा

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री वॉन्ग से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

    टोक्यो। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को टोक्यो में अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने सुरक्षा, व्यापार एवं शिक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने के कदमों पर चर्चा की। विदेश मंत्री जयशंकर और वोंग क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए टोक्यो में हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, टोक्यो में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग से मुलाकात के साथ दिन की शानदार शुरुआत हुई। सुरक्षा, व्यापार और शिक्षा सहित...

  • प्राकृतिक खेती और शिक्षा को बढ़ावा: सीतारमण

    कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जाएगा और दो साल में एक करोड़ किसानों को इसमें शामिल कर उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही खेती को बढावा देने के लिए 10 हजार बायो इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे। सीतारमण नेे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘शाईनिंग’ है और इसे निरंतर बनाए रखने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं इसलिए कृषि तथा इससे संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए...

  • भारत में शिक्षा और परीक्षा की समस्याएं

    दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने कहा है कि देश के इस सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में अकादमिक सत्र दो हफ्ते आगे बढ़ गया है क्योंकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली अखिल भारतीय परीक्षा यानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट, सीयूईटी के नतीजे नहीं आएं हैं। पहले से तय कैलेंडर के मुताबिक 30 जून तक नतीजे आ जाने थे। लेकिन सीयूईटी की परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने 30 जून तक आंसर की भी जारी नहीं किए। आंसर की जारी होने के बाद कम से कम 10 दिन का समय लगता है अंतिम नतीजे...

  • राजस्थान में जनजाति बालक-बालिकाओं की शिक्षा प्राथमिक मुद्दा

    राजस्थान में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी) ने जनजाति समाज के बालक-बालिकाओं के लिए शिक्षा और उनके शैक्षणिक उत्थान को प्राथमिक मुद्दा बनाया हैं। साथ ही इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए वर्तमान में विभाग की विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। और जो समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शैक्षणिक उत्थान में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इन योजनाओं में मुख्य रूप से जनजाति समुदाय के बालक-बालिकाओं को मौलिक शिक्षा के साथ-साथ समाज में समाहित और समर्थ नागरिक बनाने हेतु निःशुल्क आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों की योजनाएं संचालित की जा रही है। उदयपुर...

  • विदेश में पढ़ने जा रहे हैं तो रहें सावधान

    सीधे-सादे छत्रों को ठगने में एजेंट पीछे नहीं रहते। इतना ही नहीं अब तो कई ऐसे एजेंट हैं जिनके कनाडा में कॉलेज भी हैं और वो छात्रों को बड़ी आसानी से दाख़िला भी दे देते हैं। ...इसलिए यदि आप या आपका कोई जानकार विदेश में पढ़ाई करने के बारे में सोच रहा है तो उसे पूरी छान-बीन के बाद ही ऐसा कदम उठाना चाहिए। हमारे देश से उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश जाना कोई नई बात नहीं है। विदेश से पढ़ाई करने वाले भारतीयों की संख्या काफ़ी है। जैसे-जैसे समय बदला दुनिया के कई देशों में नामी नए शैक्षणिक...

  • सबको शिक्षा से ही समानता संभव

    वैदिक मत के अनुसार मनुष्य एक मनुष्य होने के नाते समान अधिकार और कर्तव्य का उत्तरदायी है। वेद मनुष्यों को पारस्परिक व्यवहार और सम्बन्ध समानता के आधार पर स्थापित करने का उपदेश देता है। वैदिक मत में सभी मनुष्यों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है तथा समानता से कर्तव्य पालन करने की भी प्रेरणा की गई है। आचार्य शिष्य को अपने समान बनाने की इच्छा रखता है, पति-पत्नी परस्पर एक दूसरे को समान मानने की प्रतिज्ञा करते हैं। दैनन्दिन जीवन में मनुष्य का पाला जड़ और चेतन दोनों ही वस्तुओं से पड़ता है। जड़ वस्तुओं से व्यवहार करते समय...

  • अमेरिका में दाखिले में आरक्षण खत्म

    वाशिंगटन। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी एडमिशन में रेस यानी नस्ल और जाति के आधार पर मिलने वाले आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया। अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकियों और अल्पसंख्यकों को कॉलेज एडमिशन में आरक्षण देने का नियम है। इसे अफर्मेटिव एक्शन यानी सकारात्मक पक्षपात कहा जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे समाप्त कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस फैसले से असहमति जताई है, जबकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका स्वागत किया है। बहरहाल, गुरुवार को एक्टिविस्ट ग्रुप स्टूडेंट्स...

  • राजस्थानः अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए 5 नवीन छात्रावासों की मंजूरी

    जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में अनुसूचित जाति (scheduled caste) के विद्यार्थियों (students) के लिए 5 नवीन छात्रावास खोलने की मंजूरी दी है। इससे दौसा, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं टोंक में छात्रावास खोले जाएंगे। इनमें दौसा के बहरावण्डा में सावित्री बाई फूले अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास, बीकानेर के दामोलाई, जोधपुर के औसिया, जैसलमेर के फलसुण्ड, टोंक के उनियारा में डॉ. भीमराव अम्बेडकर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी छात्रावासों के संचालन के लिए छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-2 के 5 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी है। प्रत्येक छात्रावास में 50 विद्यार्थियों की आवास क्षमता होगी।...

  • मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा!

    नई दिल्ली। इतिहास किताबों में बड़ा बदलाव हुआ है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी ने 10वीं से 12वीं तक की कई विषयों की किताबों में बड़ा बदलाव किया है। अब 10वीं से 12वीं के छात्र मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ पाएंगे। एनसीईआरटी ने इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिंदी के पाठ्यक्रम में बदलाव किए हैं। इतिहास की किताब से मुगल साम्राज्य से जुड़ा अध्याय हटाया गया है। इसके अलावा हिंदी की किताब से कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाने का फैसला किया गया है। नए पाठ्यक्रम के मुताबिक थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट दो से मुगल दरबार (16वीं और...

  • राष्ट्रपति ने ‘बुक्सा’ जनजातीय समूह को वनाधिकार पट्टा प्रदान किए

    लखनऊ। जनजाति समूहों को शिक्षा (Education) पर विशेष ध्यान देने की अपील करते हुये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने सोमवार को कहा कि समाज के इस वर्ग को विकास की सर्वाधिक आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश प्रवास के दूसरे दिन श्रीमती मुर्मू ने राजभवन के गाँधी सभागर में ‘बुक्सा‘ (Buxa) जनजातीय समूह (tribal group) के प्रतिनिधियों को वनाधिकार पट्टा अभिलेख प्रपत्र (Forest Rights Lease Records Form) प्रदान किए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनता में जनजातीय समूहों को विकास की सर्वाधिक आवश्यकता है। कोई भी समाज पीछे न रह जाये सभी आगे बढे़ं, कोई भी बच्चा...

  • शिक्षा के मोर्चे पर मोदी सरकार फेल: खड़गे

    नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार (central government) शिक्षा (education) के मोर्चे पर विफल रही है। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए खड़गे ने कहा कि देश के ग्रामीण स्कूलों में कक्षा 3 के बच्चों की पढ़ने की क्षमता में खतरनाक गिरावट देखी गई है। केवल 20.5 प्रतिशत बच्चे कक्षा 2 की पाठ्यपुस्तक पढ़ सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पढ़ने की क्षमता में 2018 की तुलना में 2022 में लगभग सात प्रतिशत अंकों की गिरावट देखी गई है। 27.5 प्रतिशत कक्षा 3 के बच्चे कक्षा...

  • ये कैसा डेमोग्राफिक डिविडेंड?

    यह आम निष्कर्ष रहा कि आधे से ज्यादा बच्चे अपनी क्लास से दो क्लास नीचे के टेक्स्ट ठीक से नहीं पढ़ पाते। गणित की स्थिति और खराब है। एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि सरकारी स्कूलों के छात्रों का प्रदर्शन प्राइवेट स्कूलों के छात्रों से अपेक्षाकृत बेहतर है। जिस समय भारत के दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की चर्चा गर्म है, ये सवाल अहम सवाल भी चर्चित है कि आखिर आबादी की मौजूदा स्थिति से बीच देश जनसंख्या संबंधी लाभ उठा पाएगा? अब चार साल बाद आई शिक्षा की स्थिति पर वार्षिक सर्वे रिपोर्ट...

  • सावित्रीबाई फुले महिला शिक्षा की प्रबल समर्थक

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को प्रख्‍यात समाजसेवी और भारत में महिला शिक्षा (education) की प्रबल समर्थक रहीं सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) को उनकी जयंती (birth anniversary) पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "मैं प्रेरक सावित्रीबाई फुले जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वह हमारी नारी शक्ति की अदम्य भावना को दर्शाती हैं। उनका जीवन महिलाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए समर्पित था। सामाजिक सुधार और सामुदायिक सेवा पर उनका ध्यान भी उतना ही प्रेरणादायक है।" महात्‍मा फुले ने देश में पहले बालिका विद्यालय की शुरुआत की...

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