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भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार दोनों पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी को सही ठहराने और अपनी जिम्मेदारी से बचने के बहाने खोज रहे हैं।
coronavirus pandemic relief package : भारत के एक मनीषी ने कर्ज लेकर घी पीने की सलाह दी थी। घी तो दूभर है लेकिन भारत सरकार चाहती है कि लोग कर्ज लेकर अपना काम चलाएं। काम चलाने का मतलब है कि अगर छोटे छोटे काम धंधे हैं या लघु-सूक्ष्म उद्योग धंधे हैं या किसी दूसरे असंगठित उद्योग से जुड़े हैं तो बैंकों से कर्ज लीजिए और अपना काम चलाइए। कर्ज के बदले में गारंटी केंद्र सरकार देगी। यानी सरकार यह सुनिश्चित कर देगी कि आपको कर्ज मिले लेकिन यह नहीं बताएगी कि आप वह कर्ज कैसे चुकाएंगे! जब बाजार में मांग नहीं है, लोगों के पास पैसे नहीं हैं और प्राइमरी मार्केट यानी नौकरीपेशा या स्वरोजगार करने वालों का भट्ठा बैठा हुआ है तो सामान खरीदेगा कौन? अगर एमएसएमई सेक्टर या माइक्रो यूनिट्स चलाने वाले लोग कर्ज ले लें और उत्पादन शुरू करें या बढ़ाएं तो उसे बेचेंगे कहां? अगर सामान बेच नहीं पाए तो कर्ज कहां से चुकाएंगे? बैंकों और डाकघरों की एकाध बचत योजनाओं को छोड़ दें तो सरकार किसी भी जमा पर छह फीसदी से ज्यादा ब्याज नहीं दे रही है लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो आर्थिक पैकेज घोषित किया उसमें बताया कि लोन गारंटी योजना… Continue reading कर्ज लेकर काम चलाएं!
दुनिया की सभी सरकारों का अपने कामकाज, पिछली सरकारों के कामकाज और विपक्ष के प्रति व्यवहार लगभग एक जैसा होता है। जैसे दुनिया की सभी सरकारें अपने बुरे कामों और गलत फैसलों को भी अच्छा कहती हैं। इसी तरह दुनिया की सभी सरकारें अपनी तुलना पिछली सरकारों के काम से करती हैं और अपने काम को बेहतर बताती हैं। दुनिया की सभी सरकारें कमियों का ठीकरा पहले की सरकारों पर फोड़ती हैं और उसके अच्छे कामों का श्रेय लेती हैं। दुनिया की सभी सरकारें विपक्ष को गैर जिम्मेदार बताती हैं, चाहे विपक्ष वहीं काम क्यों न कर रहा हो, जो सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष में रहते हुए किया हो। ये सब यूनिवर्सल नियम हैं और भारत की मौजूदा सरकार भी अपवाद नहीं है। फर्क सिर्फ डिग्री का है। मौजूदा सरकार ये सारे काम बहुत ज्यादा बड़े पैमाने पर कर रही है या ऐसे भी कह सकते हैं कि सिर्फ ये ही काम कर रही है। प्रधानमंत्री के भाषणों, मंत्रियों की प्रेस कांफ्रेंस और पार्टी प्रवक्ताओं की टेलीविजन बहसों को देख कर इसे समझा जा सकता है। यह भी पढ़ें: अदालते है लोकतंत्र का दीया! यह भी पढ़ें: भारत भी तो कुछ कहे चीन को! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक… Continue reading वित्त मंत्री के दावे और हकीकत
तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन यानी पीटीआर को अभी मंत्री बने एक महीना नहीं हुआ है और वे कई किस्म के विवादों में घिर गए हैं। वे देश के किसी भी दूसरे राज्य के वित्त मंत्री से ज्यादा पढ़े-लिखे और अनुभव वाले हैं। उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान एमआईटी के सलोन स्कूल से मैनेजमेंट की डिग्री ली है और दुनिया की बड़ी वित्तीय व बैंकिंग कंपनियों में काम किया है। वे वित्त और बैंकिंग का बहुत बड़ा अनुभव रखते हैं। फिर भी उनके वित्त मंत्री बनने के बाद वित्तीय मुद्दों से ज्यादा राजनीतिक मसलों को लेकर विवाद हो गया है। उसी विवाद में यह सवाल भी उठा कि वित्त मंत्री राज्यों में आमतौर पर नंबर दो मंत्री होता है पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन उनको प्रोटोकॉल में 26वें नंबर पर क्यों रखा है? बहरहाल, उस प्रोटोकॉल की बात छोड़ें तो बड़ा सवाल विवादों का है। एक बड़ा विवाद गोवा में उठा है। असल में जीएसटी कौंसिल की बैठक में गोवा का प्रतिनिधित्व कर रहे राज्य के परिवहन मंत्री मॉविन गोडिन्हो के साथ बैठक में उनकी बहस हो गई थी। पीटीआर ने कह दिया था कि गोवा जैसे छोटे से राज्य को कौंसिल की बैठक में इतना ज्यादा समय और महत्व… Continue reading तमिल वित्त मंत्री का विवादों से नाता
New Delhi: देश में लगातार हो रही ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी लगातार बैठक कर रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एक बार फिर से ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणियां की है. आज फिर दिल्ली, जयपुर और राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु की खबर सामने आई है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब भारत सरकार ने आने वाले 3 महीने तक के लिए मेडिकाल किट व ऑक्सीजन के आयात पर किसी भी तरह की कस्टम ड्यूटी नहीं लागू किए जाने का फैसला किया है. इतना ही नहीं भारत सरकार ने इस पर लगने वाले स्वास्थ्य सेस को भी लागू करने से मना कर दिया है. सरकार ने इसे लागू करने का पूरा कार्य रेवेन्यू डिपार्टमेंट को सौंप दिया है. ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए लगातार हो रही है बैठकें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार ऑक्सीजन की किल्लत पर बैठकों का आयोजन किया जा रहा है. इधर गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं अमित शाह ने भी बंद पड़े सभी ऑक्सीजन के पुराने कारखानों को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं. देशभर में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते… Continue reading Oxygen Crisis: 3 महीने तक कस्टम ड्यूटी नहीं , रेवेन्यू डिपार्टमेंट संभालेगा मोर्चा
मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। यह बजट दो लाख 41 हजार 27 करोड़ रुपए का है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा विकास केन्द्रित बजट पेश किए जाने के बाद बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तेजी बनी और बीएसई सेंसेक्स इस दौरान 9.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4,445.86 अंक बढ़कर 50,731.63 अंक तक पहुंच गया।
Help or loan : निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री अपना दूसरा बजट पेश करेंगी। उन्होंने अपना पहला बजट कोरोना वायरस की महामारी …
पिछले 22 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए भाजपा मुख्यालय पर इस समय सरकार और संगठन की उच्चस्तरीय बैठक चल रही है।
केंद्र ने आज मानसून सत्र के पहले दिन बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 को वापस ले लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक को वापस लेने के लिए लोकसभा में
वस्तु व सेवा कर, जीएसटी कौंसिल की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जो सुझाव दिए गए और बाद में वित्त सचिव ने चिट्ठी लिख कर जो सलाह दी है, उसे विपक्षी पार्टियों के शासन वाला कोई भी राज्य स्वीकार नहीं कर रहा है
वस्तु व सेवा कर, जीएसटी कौंसिल की पिछली बैठक में राज्यों के बकाया मुआवजा के भुगतान को लेकर जो फॉर्मूला बना उसे लेकर राज्य नाराज हैं।
गुजरात के सूरत में एक महिला बैंककर्मी के साथ बैंक परिसर में ही मारपीट की घटना का वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि उनकी इस मामले पर नजर है।
राष्ट्रव्यापी बंद के बाद देश भर में आर्थिक गतिविधियां बंद होने से जीएसटी संग्रह में भारी गिरावट आई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने पर गौर कर सकती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने कोरोना वायरस के बढ़त संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में की गयी 40 आधार अंकों की कटौती