Politics

  • नैतिकता अब है कहां जो नेता इस्तीफा दे!

    याद नहीं आ रहा है कि नैतिकता के आधार पर आखिरी बार किसी नेता या लोक सेवक का इस्तीफा कब हुआ था। मौजूदा राजनीतिक बिरादरी में नीतीश कुमार संभवतः इकलौते नेता हैं, जिन्होंने प्रशासनिक नैतिकता के आधार पर रेल मंत्री पद से इस्तीफा दिया था और राजनीतिक नैतिकता के आधार पर बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि दोनों बार उन्होंने वापसी की और नैतिकता को ताक पर रख कर केंद्रीय मंत्री भी बने और मुख्यमंत्री भी बने। फिर भी थोड़े समय के लिए ही सही लेकिन उन्होंने इस्तीफा दिया। अब तो किसी तरह की नैतिकता का कोई...

  • ‘घृणा’ अब अपना धर्म

    ईमानदारी से सोचे, यदि मनुष्य है तो जरूर सोचे। हम क्या होते हुए है? क्या ईमानदारी, सदाचारी, सत्यवादी, विन्रम, संतोषी,  विश्वासी और प्रेम व करूणा, अंहिसा के सनातनी व्यापक धर्म की नैतिक मंजिले पाते हुए है या भ्रष्ट-बेईमान, झूठे, अंहकारी, भूखे, अविश्वासी, घृणा-नफरत, हिंसा से मन-मष्तिष्क, चित्त-वृति को भरते हुए है? मेरा मानना है हम बतौर नागरिक, समाज, धर्म व राष्ट्र उन वृतियों, प्रवृतियों, मन और व्यवहार में वे अवगुण धारते हुए है जिसकी कल्पना कलियुग के सर्वाधिक बुरे समय में भी नहीं थी। निश्चित ही किसी कौम और धर्म का नैतिक पतन देश-काल की आबोहवा की लीला से है।...

  • मंत्र, जात और जोड़ तोड़!

    नरेंद्र मोदी और अमित शाह हकीकत में जीते हैं। और दोनों ने जान लिया है कि उनका लोगों में क्रेज खत्म है। वे बासी हो गए हैं। और अपने आपको नए सिरे से रिइनवेंट भी नहीं कर सकते। फिल्म फ्लॉप है तो है उसे नया बना कर वापिस कैसे रिलीज किया जा सकता है? लेकिन बाजार में तो रहना है, राजनीति का धंधा तो चल रहा है? तभी सवाल है हरियाणा, जम्मू कश्मीर के दो चुनावों में मोदी की भाजपा के जीतने के मंत्र और फॉर्मूले क्या हैं? एक, किसी का भी इस्तेमाल करो। भारत विरोधी और कश्मीर में आतंकी...

  • कहानी में अब है क्या!

    ‘गपशप’ लिखते-लिखते चालीस साल बाद अब वह मुकाम है जब न सुर्खियों और चेहरों से कहानी निकलती है और न सत्ता और राजनीति से कहानी में तड़का है। सोचें, इस सप्ताह क्या था? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ जस्टिस के घर जा कर कहानी बनानी चाही। परिणाम क्या हुआ?  मराठी टोपी, ड्रेस, गणेश पूजा के फोटो के बावजूद मोदी महाराष्ट्र में क्लिक नहीं हुए। उलटे चीफ जस्टिस बदनाम हुए। यह अखिल भारतीय मैसेज अलग से बना कि मोदी के साथ खड़ा दिखना भी खराब! फिर आरोपी आतंकी इंजीनियर राशिद के जेल से छूटने की खबर। पर क्या इससे घाटी में...

  • वाचाल नेता, लाचार शिक्षा

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • राजनीति हमें बीहड़ में ले आई!

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • जात राष्ट्र अब भारत सत्य!

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • सेवा भाव या सत्ता की लालसा?

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • अयोध्या को शोपीस क्यों बना रहे राहुल?

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • सिर्फ चुनाव और राजनीति की चिंता

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • 54 के हुए राहुल गांधी, जानें उनके जीवन की कुछ खास बातें

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • पांडियन का सक्रिय राजनीति से इस्तीफा

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • देवता हैं मोदी तो मंदिर में रहें, राजनीति में नहीं: ममता

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • यदि आम (आदमी) कच्चा है तो चटनी चाटों, अगर पका है तो उसे पूरी तरह चूसो..?

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  • Amit Shah: शेयर बाजार में गिरावट और चुनावी परिणाम

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • मुस्लिम आरक्षण पर मोदी का बड़ा बयान

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • भाजपा में पाकिस्तानी मानसिकता?

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  • कांग्रेस ओबीसी राजनीति छोड़े, पुरानी समावेशी बने!

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • सारे राजाओं की एक जैसी कहानी

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

  • विशेषाधिकार में घूस लेने की छूट नहीं

    एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी हैं? सरकारी धन का ऐसा दुरुपयोग!" उन का अंदाज देख हर सच्चे शिक्षक को क्षोभ होगा।…कभी एक नेता ने ताना दिया: 'देश की एकता के लिए साहित्यकारों ने क्या किया है?' इस पर वात्स्यायन जी ने कहा था: 'देश की एकता छिन्न-भिन्न करने के लिए नेताओं ने क्या नहीं किया है?' आज के नेताओं से वही पूछने की जरूरत है कि शिक्षा में कूड़ा-कचरा, प्रोपेगंडा जमाने के लिए उन्होंने क्या नहीं किया है! कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण...

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