जजों की बिगड़ी जुब़ान!
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हलकी, अप्रासंगिक टिप्पणियों से ना सिर्फ जजों की नकारात्मक छवि बनती है, बल्कि पूरी न्यायपालिका प्रभावित होती है। स्वागतयोग्य है कि अब सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका की छवि की रक्षा करने की पहल की है। इससे ज्यादा अफसोस की बात और क्या होगी कि सुप्रीम कोर्ट को उच्चतर न्यायपालिका के जजों को जुब़ान पर काबू रखने के लिए चेतावनी जारी करने पड़े! लेकिन ऐसी ही स्थिति हमारे सामने है। कर्नाटक हाई कोर्ट के जज वी. श्रीशानंद की “सांप्रदायिक” एवं “स्त्री-द्रोही” टिप्पणियों से परेशान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पहल पर पांच जजों की बेंच बनाई।...