Shardiya Navratri 2024

  • नवरात्र विशेष: वैष्णो देवी यात्रा में इन जगहों पर जाना ना भूलें

    vaishno devi mandir : आदिशक्ति का आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है और आज शारदीय नवरात्र का आज दूसरा दिन है. शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जा रही है. मातारानी के भक्त इन दिनों में वैष्णो देवी मंदिर जाते है. माता के भक्त मां के दर्शनों के लिए वैष्णो देवी मंदिर जाते है. वैसे तो यहां आम दिनों में ही हजारों की संख्या में माता के भक्त दर्शन के लिए जाते हैं लेकिन नवरात्रि के समय मां के दरबार की रौनक ही अलग होती है. नवरात्रि के दौरान लाखों भक्त माता...

  • Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि का दूसरे दिन करें देवी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना, जानें देवी की कथा

    Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का पवित्र पर्व चल रहा है और आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है. नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है. दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित माना गया है. मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में सुकून और शांति बनी रहती है. मां ब्रह्मचारिणी की कृपा अगर भक्तों पर पड़ जाए तो उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त करने में जरा भी कठनाई नहीं होती है. ब्रह्म का मतलब तप और चारिणी का मतलब आचरण. ऐसे में तप का आचरण करने वाली मां को ब्रह्मचारिणी कहते हैं. माता...

  • Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि आज से, जानें नवरात्रि का विज्ञान

    Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो आज से यानि 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है. यह पर्व हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नौ दिनों तक मनाया जाता है. इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर को दशहरे पर समाप्त होगा. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. इस वर्ष अंग्रेजी तारीखों और हिंदू तिथियों के तालमेल में कुछ असमानता के कारण अष्टमी और महानवमी की पूजा 11 अक्टूबर को की जाएगी. दशहरे का...

  • Navratri 2024: आदिशक्ति का आराधना का पर्व प्रारंभ,पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा

    Navratri Day 1 Maa Shailputri: आज से यानि 3 अक्टूबर से आदिशक्ति का आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है. आज शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि है और इसमें कलश स्थापना की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की अराधना की जाती है. मान्यता के अनुसार मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है. मां दुर्गा की अराधना से करने से घर में और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है. मां शैलपुत्री की अराधना से भक्तों को मनवांछित फल की...

  • दैविक ज्योति ज्ञान- विज्ञान को जागृत करने का अवसर नवरात्र

    वेद सभी सत्य विधाओं की पुस्तक है। वेद अपौरुषेय हैं। वेद ईश्वर की वाणी है। वेद सब सत्य विद्याओं का मूल है। इसलिए केवल वेद विद्या पर ही विश्वास करना चाहिए। ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र उपाय महर्षि पतंजलि प्रणीत यम ,नियम, आसान, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा और समाधि है। महर्षि दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम समुल्लास में यह कहा गया है कि देव अथवा देवी ईश्वर के ही गौणिक नाम है। ईश्वर को पुलिंग अथवा स्त्रीलिंग या नपुंसक लिंग में पुकारा जा सकता है। ईश्वर की दिव्य शक्ति को ही दैवीय जिसका अपभ्रंश होकर देवी कहा जाता है। ईश्वर...

  • नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा , जानें भोग और महत्व

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  • Shardiya Navratri 2024: मां दुर्गा का पालकी में आना और मुर्गे से प्रस्थान करना है बेहद अशुभ संकेत….

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  • Shardiya Navratri 2024: शक्ति का महापर्व कल से शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

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  • Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि मनाने का इतिहास और नौ दिनों का पौराणिक रहस्य

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  • नवरात्र में मां दुर्गा का पालकी में आना और पैदल जाना हैं अशुभ संकेत

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  • शारदीय नवरात्रि शुरू होने से पहले मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए करें यह काम…

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  • शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना

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  • Shardiya Navratri 2024: नवरात्रों में माता रानी आ रही है पालकी में सवार होकर, ऐसे करें माता को प्रसन्न

    वेद सभी सत्य विधाओं की पुस्तक है। वेद अपौरुषेय हैं। वेद ईश्वर की वाणी है। वेद सब सत्य विद्याओं का मूल है। इसलिए केवल वेद विद्या पर ही विश्वास करना चाहिए। ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र उपाय महर्षि पतंजलि प्रणीत यम ,नियम, आसान, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा और समाधि है। महर्षि दयानंद सरस्वती विरचित सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम समुल्लास में यह कहा गया है कि देव अथवा देवी ईश्वर के ही गौणिक नाम है। ईश्वर को पुलिंग अथवा स्त्रीलिंग या नपुंसक लिंग में पुकारा जा सकता है। ईश्वर की दिव्य शक्ति को ही दैवीय जिसका अपभ्रंश होकर देवी कहा जाता है। ईश्वर...

  • कब होगा शारदीय नवरात्रि का श्रीगणेश, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

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