Tuesday

08-07-2025 Vol 19

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

संकेत या दिशा सुधार?

केंद्र में तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के लिए रकम जारी करते हुए अपना...

चेतावनी पर ध्यान दीजिए

तेजी से पिघलती हुई बर्फ इस क्षेत्र की 12 प्रमुख नदी प्रणालियों में करीब एक चौथाई पानी का स्रोत है।

उद्योगपतियों की अल्प-दृष्टि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछले दस में जो अच्छे कार्य किए, मतदाताओं ने उसे पुरस्कृत किया है।

रेलवे का ‘सिस्टम फेल’

बुनियादी सवाल यह है कि रेलवे के सिस्टम क्यों फेल हो रहे हैं? आखिर यह पहला ऐसा मौका नहीं है, जब इस तरह का मामला सामने आया हो।

एक और दांव नाकाम

यूक्रेन के सवाल पर रूस को घेरने का एक और पश्चिमी दांव नाकाम हो गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध पर स्विट्जरलैंड में एक शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया।

ईवीएम पर संदेह गहराया

मगर इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है कि जब मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं होती, तो उस व्यक्ति को ऐसा करने की छूट...

महायुद्ध की गहराती आशंका

इटली में आयोजित हुए जी-7 शिखर बैठक का सार यह रहा कि धनी देशों का यह समूह अब रूस के साथ-साथ चीन के खिलाफ भी जंग के लिए कमर...

प्यासे लोगों का देश !

भारत के महानगरों में शब्दशः लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। वैसे बहुत से देहाती इलाकों में भी हालत बेहतर नहीं है।

टूटता हुआ एक नैरेटिव

अब आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में इस तरह सिर उठा रहा है, तो यह अवश्य पूछा जाएगा कि देश को सुरक्षित बनाने की यह रणनीति कितनी कारगर हुई है?

हताशा का आलम

संकट अब छिपाये नहीं छिप रहा है। अब हाल यह है कि अक्सर चुनावों के बाद दिखने वाला आशावाद भी इस बार गायब ही रहा है।

दिखावटी बदलाव काफी नहीं

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना को बेहतर बनाने के कई सुझाव सरकार को भेजे हैं।

लोकतंत्र है या कुलीनतंत्र?

लोकसभा में इस बार कैसे जन प्रतिनिधि पहुंचे हैं, यह गौरतलब है। आखिर व्यक्ति की सोच और प्राथमिकताएं जिस वर्ग और पृष्ठभूमि से वह आता है, अक्सर उससे ही...

संदेह के गहरे बादल

यह संदेह गहराता जा रहा है कि प्रतियोगी परीक्षाएं धांधली का जरिया बन गई हैं और यह सब कुछ प्रशासन के संरक्षण में हो रहा है।

जोखिम भरी ये राह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मंत्रि-परिषद यह संकेत देती है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रबंधकों ने आम चुनाव में लगे झटके के असर को फिलहाल मैनेज कर लिया...

यूरोपीय सियासत में भूचाल

यूरोपीय संसद के चुनाव में दक्षिणपंथी और धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों को मिली जोरदार कामयाबी ने वहां की मध्यमार्गी व्यवस्था में एक तरह का भूकंप ला दिया है।

अब जाकर खुली आंख!

सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है।

मुनाफे का नया सेक्टर

भारत के अस्पताल और दवा कंपनियों में विदेशी इक्विटी फंड और वेंचर कैपिटलिस्ट बड़े पैमाने पर निवेश बढ़ा रहे हैं।

अब वैसा भरोसा नहीं!

बाजार हो या पश्चिमी राजधानियां- मोदी को वहां उतार के दौर में पहुंच चुके नेता के रूप में देखा जाने लगा है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।

मोल-भाव अभी बाकी है

अगली सरकार चूंकि वास्तविक अर्थ में गठबंधन सरकार होगी, इसलिए सहयोगी दलों की मांगों और महत्त्वाकांक्षाओं को इस बार भाजपा नेतृत्व को पूरा करना ही होगा।

विकल्प पर बात हो

आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जो झटका लगा, उस बारे में सियासी हलकों में यह आम राय है कि व्यापक बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई इसका प्रमुख कारण...

शेयर मार्केट का ड्रामा

भाजपा की सफलता- विफलता से शेयर बाजारों का रुख क्यों जुड़ा हुआ है? भाजपा को झटका लगा, तो उससे शेयर बाजार क्यों परेशान हुए?

मोदी के लिए मुश्किल

दो राज्यों- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षाओं और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे पर तगड़ा प्रहार किया।

ऐसा अविश्वास नहीं देखा

लोकसभा चुनाव के आज जाहिर होने वाले परिणाम चाहे जो हों, लेकिन जिस माहौल में ये नतीजे घोषित हो रहे हैं, भारतीय लोकतंत्र के लिए वह गहरी चिंता का...

दक्षिण अफ्रीका में बदलाव

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी शासन खत्म होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एनएसी) के पास बहुमत नहीं होगा।

नतीजों का इंतजार बेहतर

विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं।

सातवें चरण में दोपहर 3 बजे तक 49.68 प्रतिशत मतदान

पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और चंडीगढ़ सहित देश के 8 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है।

सेहत पर भी सियासत!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सेहत को चुनावी मुद्दा बनाया है।

नजरिया परिवर्तन या धमकी?

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के बारे में अपना नजरिया ‘स्थायी’ से बेहतर करते हुए ‘सकारात्मक’ कर दिया है।

खाद्य सुरक्षा पर खतरा

चर्चा यहां तक शुरू है गई है कि दालों की तरह भारत में गेहूं के आयात की स्थितियां भी लगातार बनी रह सकती हैं।

आसमान से बरसती आग

दिल्ली के नरेला इलाके में मंगलवार को तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह अकल्पनीय-सी खबर है।

ये बदहाली याद रहे

खबर नई नहीं है, लेकिन एक जारी घटनाक्रम का नया संस्करण है। वैसे यह घटनाक्रम भी नया है। बल्कि भारत की जमीनी स्तर पर अधिक मारक होती जा रही...

सबकी जान जोखिम में

यह सूचना सिरे से चौंकाती है कि दिल्ली के जिस शिशु अस्पताल में रविवार को अग्निकांड हुआ, वहां हादसे के वक्त आईसीयू में आयुर्वेद में डिग्रीधारी डॉक्टर तैनात था।

हर जगह वही कहानी

मुंबई के डोंबिवली के एक केमिकल कारखाने में हुए विस्फोट से मौतों को भी जोड़ दें, तो लगातार तीन दिन आई झकझोरने वाली खबरों का एक सिलसिला नजर आता...

तदर्थ रुख, अवांछित निर्णय

केंद्र ने सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस तरह वे अब अपनी रिटायरमेंट उम्र के 30 दिन बाद बाद तक इस...

आपको ही बताना है

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के इस बयान से सहज सहमत हुआ जा सकता है कि उत्तर और पश्चिम में “अपरिभाषित सीमाओं” का भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

एक रहस्यमय कहानी

निर्वाचन आयोग ने पहले सभी चुनाव क्षेत्रों के फॉर्म 17-सी को अपनी वेबसाइट पर डालने की मांग का विरोध किया।

सब पैसा सरकार का!

इस वर्ष के बजट में केंद्र ने अपनी आमदनियों का हिसाब लगाते हुए अनुमान लगाया था कि रिजर्व बैंक से उसे एक लाख दो हजार करोड़ रुपये का लाभांश...

भरोसे की चिंता नहीं

निर्वाचन आयोग के रुख से यह साफ हो गया है कि उसे चुनाव प्रक्रिया में संबंधित सभी पक्षों के यकीन की कोई फिक्र नहीं है।

पर्यटन में भी पिछड़े

रिपोर्ट के मुताबिक सेवा क्षेत्र क्षेत्र में मौजूद कर्मियों के निम्न कौशल के कारण भी इंडेक्स में भारत को कम अंक प्राप्त हुए।

मोबाइल से पैदा मुश्किलें

मोबाइल पर ज्यादा समय गुजारने का कम उम्र बच्चों पर खराब असर होता है। यह बात ना सिर्फ आम माता-पिता का तजुर्बा है, बल्कि विशेषज्ञों ने भी अपने शोध...

कानून-कायदे ताक पर

पुणे में सड़क पर दो टेक कर्मियों को कार से कुचल देने की घटना पर पुलिस और अदालत का जैसा आरंभिक रुख सामने आया, उस पर उचित ही देश...

अंतिम ओवर तक मुकाबला!

अब जमीनी स्तर पर रोजमर्रा की बढ़ती समस्याओं के कारण जन-असंतोष का इजहार इतना साफ है कि उसे नजरअंदाज करना संभव नहीं रह गया है।

शेयर बाजार को आश्वासन

शेयर बाजार में हलचल है। सिर्फ इसी महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार से 28,200 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।

आपकी सेहत राम भरोसे!

पिछले एक साल में स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। अब खबर है कि जल्द ही इसमें 10 से 15 फीसदी तक की...

बेरोजगारों का यही अंजाम!

बीते सप्ताहांत भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कंबोडिया और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नौकरी की तलाश में जा रहे भारतवासियों के लिए एडवाइजरी जारी की।

सुप्रीम कोर्ट का संरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तारियों के मामले में एक महत्त्वपूर्ण संरक्षण का प्रावधान किया है।

व्यापार संतुलन पर दबाव

इस वित्त वर्ष के पहले महीने- यानी अप्रैल में भारत के व्यापार घाटे में 19.1 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई।

कायदों की जानलेवा बेकद्री

मुंबई के घाटकोपर में बिल बोर्ड गिरने की हुई घटना के बाद जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे स्थानीय प्रशासन में गहराई तक बैठी लापरवाही और संभवतः गंभीर...