Tuesday

08-07-2025 Vol 19

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

जीडीपी आंकड़ों पर अविश्वास

एशियन पेंट्स कंपनी के महाप्रबंधक और सीईओ अमित सिनगल ने जो कहा, उसका अर्थ भारत की जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़ों पर अविश्वास जताना ही माना जाएगा।

बढ़ रही है बदहाली

भारत में जीडीपी की तुलना में बचत का स्तर 50 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है।

वित्तीय बाजार में व्यग्रता

हर चरण में मतदान प्रतिशत घटने और मिल रहे आम संकेतों से बाजार के इस भरोसे में सेंध लग गई है कि मोदी सरकार पूरी मजबूती के साथ वापस...

केजरीवाल की गारंटियां

जमानत पर रिहा होते ही उन्होंने जिस तरह नेताओं की उम्र सीमा संबंधी नियम का सवाल उठाकर भाजपा के अंदर बेचैनी पैदा की, यह उनके सियासी कौशल की ही...

चीन का समाधान नहीं!

2023-24 में भारत ने 101.7 बिलियन डॉलर का चीन से आयात किया। निर्यात सिर्फ लगभग 17 बिलियन डॉलर का ही रहा।

अंपायर या एक खिलाड़ी?

निर्वाचन आयोग के व्यवहार की तरफ अन्य दलों का ध्यान उन्होंने खींचा। ताजा शिकायत इसको लेकर जताई कि निर्वाचन आयोग इस बार मतदान के बारे में पूरा विवरण जारी...

दुनिया में अलग-थलग

अमेरिका और इजराइल को असली झटका इस बात से लगा होगा कि फ्रांस सहित यूरोपीय यूनियन से जुड़े कुछ देशों ने भी प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

चुनाव में विदेश नीति कितना बड़ा मुद्दा?

भाजपा ने भरोसा दिया है कि वह एक जिम्मेदार एवं भरोसेमंद पड़ोसी की भूमिका में 'नेबरहुड फर्स्ट' की नीति पर कायम रहेगी।

टूटी उम्मीदों की मिसाल

एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत में शॉपिंग मॉल बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पिछले दो साल में बहुत से छोटे शॉपिंग माल बंद हो गए।

बेहतर संबंध की ओर?

भारत-अमेरिका और भारत-चीन के रिश्तों में घटनाएं महत्त्वपूर्ण मोड़ लेती दिख रही हैं। बेशक, दोनों मोर्चों पर हो रही घटनाओं का आपस में जुड़ाव है।

मतदान प्रतिशत का संकेत

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 64.5 प्रतिशत मतदान हुआ।

जांच तो होनी चाहिए!

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किसी खालिस्तानी आतंकवादी गुट से पैसा लेने का ठोस आरोप है, तो बेशक उसकी जांच होनी चाहिए।

कहानी का कुल सार

भारत में घरेलू बचत में 2023 तेज गिरावट आई। सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में यह महज 5.3 प्रतिशत रह गई है।

नतीजे सामने आने लगे

एमडीएच और एवरेस्ट ब्रांड के मसालों पर कई देशों में लगे प्रतिबंध ने वैश्विक मानकों पर भारतीय उत्पादों के खरा ना उतरने के मुद्दे को चर्चा में ला दिया...

जानलेवा हो गई आग

उत्तराखंड के जंगलों में लगभग लगी आग अब जानलेवा हो गई है। कई वन क्षेत्रों में लगी इस आग से पिछले तीन दिन में पांच लोगों की जान चली...

और घटा प्रेस फ्रीडम

फ्रांस स्थित संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर (आरएसएफ) की नई रैंकिंग में पहली नजर में भारत की स्थिति सुधरी नज़र आती है।

कूटनीतिक हल की जरूरत

कनाडा में खालिस्तानी उग्रवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में हुई तीन गिरफ्तारियों ने पश्चिम के साथ भारत के रिश्ते को लेकर एक नई परिस्थिति पैदा कर...

अधिक गंभीर चर्चा चाहिए

कई देशों की तरह भारत में भी बीते दो साल में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं।

मंशा पर था शक

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया कि स्पेक्ट्रम आवंटन का अधिकार फिर से सरकार को दिया जाए।

हर कदम पर संदेह!

निर्वाचन आयोग ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उन पर भी प्रश्न उठाए दए हैं। दूसरे चरण का मतदान खत्म होने के बाद लगभग 61 प्रतिशत मतदान होने की...

आखिरकार हुई कार्रवाई

उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है।

अग्नि-परीक्षा का वक्त

खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में अमेरिकी जांच एक ठोस नतीजे पर पहुंच गई है।

जांच का ये अंदाज!

छेड़छाड़ इस तरह की गई, जिससे शाह को यह कहते सुना गया कि भाजपा सरकार आरक्षण को खत्म कर देगी। आरक्षण आम चुनाव में एक गर्म मुद्दा बन गया...

मणिपुर का क्या होगा?

बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए राज्य सरकार ने एकतरफा नजरिया अपनाया। केंद्र की भूमिका भी संदिग्ध रही है। नतीजा, मणिपुर का एक नासूर...

क्योंकि जड़ कमजोर है

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक दूरसंचार, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक आदि से संबंधित उत्पादन में चीन से आयातित पाट-पुर्जों का हिस्सा बढ़ता चला जा रहा है।

माहौल में बारीक बदलाव?

अंतिम परिणाम जानने के लिए हमें चार जून तक इंतजार करना होगा। फिलहाल यह जरूर कहा जा सकता है कि एक जैसी ही सियासत से जनता में एक थकान...

विश्वास हो कैसे बहाल?

सुप्रीम कोर्ट ने सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती करने की गुजारिश ठुकरा दी।

ग्राहक सुरक्षा की उपेक्षा

जब इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का चलन बढ़ता जा रहा है, उस दौर में रिजर्व बैंक के नियमों पर गंभीरता से अमल ना करना ग्राहकों को खतरे में डालना...

हंगामा है क्यूं बरपा?

सैम पित्रोदा ने सिर्फ अमेरिका में मौजूद एक कानून की बात की। उस कानून में निहित सार्वजनिक हित की भावना का उन्होंने जिक्र किया।

भरोसा तो नहीं बंधता

टेक क्षेत्र की 20 दिग्गज कंपनियों की साझेदारी है, जिसमें उन्होंने 2024 में हो रहे सभी चुनावों में खतरनाक और नुकसानदेह कंटेंट से निपटने का इरादा जताया है।

सूरत में बदसूरती

सवाल है कि कांग्रेस नेतृत्व ने ऐसे व्यक्ति को कैसे लोकसभा जैसे महत्त्वपूर्ण चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया?

हथियारों का चमकता धंधा

इस वक्त हथियारों, गोला-बारूद और दूसरे सैन्य साज-ओ-सामान पर विभिन्न देश जितना धन खर्च कर रहे हैं, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ।

भयाक्रांत करने के सहारे?

अर्बन नक्सल, माओवादी और कम्युनिस्ट- इन तीन शब्दों से भयाक्रांत करने की रणनीति भाजपा ने अपनाई है

आम रुझान के विपरीत

एक बड़ा सवाल यह है कि जिस देश में हालिया दशकों में आम रुझान मतदान को लेकर जन उत्साह बढ़ने का रहा है, वहां अचानक  उदासीनता क्यों दिखी है?...

चुनाव आयोग को चुनौती

शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने खुलेआम निर्वाचन आयोग की नाफरमानी करने का एलान किया है।

बोइंग कथा के सबक

बोइंग के बुरे दिन 2018-19 में शुरू हुए, जब उसके दो विमान तकनीकी कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हो गए।

‘समरसता’ में तनाव?

मुमकिन है कि राजपूत जाति का भारतीय जनता पार्टी से “विद्रोह” दिखावटी हो और उससे भाजपा को असल में कोई नुकसान ना हो।

आया मतदान का मौका

लोकसभा की 102 सीटों पर आज मतदान होगा। इसके साथ ही उस मैराथन प्रक्रिया का निर्णायक दौर शुरू हो गया है

दुनिया के लिए चेतावनी

अमेरिका की खराब राजकोषीय हालत ने आईएमएफ जैसी संस्थाओं के कान भी खड़े कर दिए हैँ। इससे दुनिया का चिंतित होना लाजिमी है।

कुछ सबक लीजिए

सीमित अवसर वे लोग ही प्राप्त कर सकते हैं, जिन्हें बेहतर शिक्षा मिली होती है और जिनके पास तकनीकी कौशल होता है।

चाहिए विश्वसनीय समाधान

शक का माहौल आज इतना गहरा गया है कि समाज के एक बड़े हिस्से में चुनाव परिणामों की स्वीकृति का भाव घटता जा रहा है।

सरकारें जो चाहती हैं

सुब्बाराव ने एक बहुत जरूरी विषय पर चर्चा छेड़ी है। अपनी किताब के लोकार्पण के मौके पर उन्होंने जो कहा, उस पर भी भारतवासियों को अवश्य ध्यान देना चाहिए।

समस्या से आंख मूंदना

देश चाहे जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए, लेकिन अगर करोड़ों युवा बेरोजगार बने रहते हैं, तो उससे असल में भारत का कोई भला नहीं होगा।

फटी शर्ट, ऊंची नाक

इस घोषणापत्र में नजरअंदाज कर दिया गया है, उनमें बेरोजगारी, महंगाई, उपभोग का गिरता स्तर और सुरसा की तरह बढ़ती आर्थिक गैर-बराबरी शामिल हैं।

भारत का डेटा संदिग्ध?

पत्रिका ने आगाह किया है कि आंकड़ों के अभाव में धुंध पैदा करने से ऐसी स्थिति बनी है, जिसमें संभव है कि भारत के लोग अपनी स्थिति से अनजान...

युद्ध की फैली आग

इजराइल पर ईरान के जवाबी हमले के साथ पश्चिम एशिया में युद्ध की आग और फैल गई है। यह पहला मौका है, जब ईरान फिलस्तीनी युद्ध में सीधे शामिल...

एडवाइजरी किसके लिए?

भारत सरकार ने इजराइली सरकार के साथ बनी सहमति के तहत अपने यहां से श्रमिकों को वहां भेजने का फैसला किया।

चीन पर बदला रुख?

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा बयान को चीन के बारे में भारत के रुख में एक बड़े बदलाव का संकेत माना जाना चाहिए?