• मोदी के मंगलसूत्र राग से क्या चुनाव गरमाएगा?

    मौसम बहुत गर्म हो गया है और अब यह चुनाव आयोग से लेकर सभी राजनीतिक दलों की चिंता है। लेकिन राजनीति नहीं गरमा रही और यह भी चुनाव आयोग और पार्टी की चिंता है। भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा चिंता में है। चुनाव कैसे गरमाया जाए? क्या किया जाए कि लोग मोदी के दिवाने हों और सड़कों पर मोदी, मोदी के नारे लगें? कैसे घरों में बैठे हिंदू मतदाताओं को बाहर निकाला जाए और इन सबसे बड़ी चिंता यह है कि कैसे वह घर से निकले तो हिंदू की तरह वोट करे? भाजपा की यह बड़ी चिंता है कि मतदाता...

  • मुलायम परिवार के पांच सदस्य चुनाव में

    आखिरकार फिर से लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के परिवार के पांच सदस्य चुनाव मैदान में आ गए। जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के दावेदारे के तौर पर चुनाव लड़ा था यानी 2014 में तब समाजवादी पार्टी पांच सीटों पर जीती थी और पांचों परिवार के सदस्य थे। स्वंय मुलायम सिंह यादव के अलावा डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और अक्षय यादव सांसद का चुनाव जीते थे। यानी मुलायम सिंह, उनकी बहू, दो भतीजे और एक पोता चुनाव जीते थे। उसके बाद यानी 2019 में बसपा के साथ तालमेल होने के बावजूद सपा के पांच ही...

  • अजित पवार भाजपा से अलग चल रहे!

    महाराष्ट्र में असली एनसीपी के नेता अजित पवार ऐसा लग रहा है कि अपने हिसाब से राजनीति कर रहे हैं। वे भाजपा की लाइन पर नहीं चल रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने मुस्लिम आरक्षण की मांग की थी। हालांकि अपनी पार्टी के घोषणापत्र में उन्होंने इसको शामिल नहीं किया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि उन्होंने घोषणापत्र क्यों जारी किया? जानकार सूत्रों के मुताबिक भाजपा की ओर से सभी सहयोगी पार्टियों को कहा गया था कि उनको घोषणापत्र जारी करने की जरुरत नहीं है। सारी पार्टियां और उम्मीदवार जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर लड़...

  • जालधंर में चन्नी के मुकाबले दो पूर्व कांग्रेसी

    वैसे तो ऐसा कई चुनाव क्षेत्रों में हो रहा है कि कांग्रेस उम्मीदवार का मुकाबला अपनी ही पार्टी के किसी न किसी नेता से हो रहा है। इस बार कमाल की दलबदल हुई है और किसी पार्टी का आदमी किसी भी पार्टी से लड़ रहा है। सबसे ज्यादा कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी छोड़ी है और भाजपा ने या किसी अन्य कांग्रेस विरोधी पार्टी ने उसे टिकट दी है। लेकिन पंजाब की जालंधर सीट का मामला सबसे दिलचस्प है। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का मुकाबला दो पूर्व कांग्रेसी नेताओं से है। ध्यान रहे...

  • शिवमोगा में येदियुरप्पा बेटे की मुश्किल

    कर्नाटक में भाजपा का राजनीति पिछले ढाई तीन दशक से बीएस येदियुरप्पा के ईर्द गिर्द ही घूम रही है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में हारने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर पूरा भरोसा येदियुरप्पा पर ही किया है। लेकिन येदियुरप्पा की एकछत्र कमान बनवाने से पार्टी के अनेक नेता नाराज हैं। ऐसे ही एक नाराज नेता केएस ईश्वरप्पा ने शिवमोगा से येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। पार्टी के शीर्ष नेताओं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के समझाने के बावजूद ईश्वरप्पा ने नाम वापस नहीं लिया। तभी नाम...

  • यह चुनावी धांधली नहीं तो क्या?

    चुनाव के दौरान कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होते हैं या उम्मीदवार नाम वापसी के दिन अपना नाम वापस लेते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन ध्यान नहीं आ रहा है कि निकट अतीत में कभी लोकसभा चुनाव में किसी राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन खारिज हो जाए। यह भी नहीं ध्यान आ रहा है कि किसी राज्यस्तरीय पार्टी का, जो देश के सबसे बड़े राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी हो उसके उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो जाए। हाल के दिन तक राष्ट्रीय पार्टी रही और देश में साढ़े तीन फीसदी से ज्यादा वोट लेने वाली पार्टी के...

  • पीएम को भी अब चाहिए सहानुभूति!

    चुनाव में कई बार बहुत दिलचस्प चीजें देखने को मिलती हैं। इस समय दो बड़ी पार्टियों के नेता जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन दोनों लोगों के बीच जा रहे हैं और सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों का राजनीतिक दांव यह है कि उनके पति को ऐन चुनाव से पहले गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया ताकि वे...

  • कांग्रेस ने गोड्डा में क्यों बदला उम्मीदवार?

    कांग्रेस पार्टी ने झारखंड की गोड्डा सीट से उम्मीदवार बदल दिया है। कांग्रेस ने पहले पार्टी की एक विधायक दीपिका पांडेय सिंह को टिकट दिया था। लेकिन अब इसे बदल कर प्रदीप यादव को दे दिया गया है। प्रदीप यादव लगातार चौथी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वे तीन बार चुनाव लड़े हैं और दो बार तीसरे स्थान पर रहे हैं। 2014 में वे बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम की टिकट से लड़े थे और उनको एक लाख 93 हजार वोट आया था। कांग्रेस के फुरकान अंसारी को तब तीन लाख 19 हजार वोट मिले थे। congress...

  • यूपी की आंवला सीट पर यह क्या खेला?

    इस बार उम्मीदवारों के नामांकन को लेकर कई तरह के खेल भी हो रहे हैं, खास कर उत्तर प्रदेश में। सबने देखा कि कैसे रामपुर और मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के दो दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया और उसके बाद कैसे मामला सुलझा। इसी तरह का एक खेल आंवला सीट पर भी हुआ है। आंवला सीट पर बसपा के अधिकृत उम्मीदवार के तौर पर आबिद अली को मान्यता मिली है। हालांकि उनके साथ साथ सत्यवीर सिंह ने भी बसपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। जब बसपा प्रमुख मायावती के दस्तखत वाले दो फॉर्म ए और...

  • घाटी के ‘देशभक्तों’ को भाजपा की मदद

    भारतीय जनता पार्टी कश्मीर घाटी की तीन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रही है। जम्मू की दो और लद्दाख की सीट पर भाजपा लड़ रही है लेकिन घाटी की तीनों सीटें उसने छोड़ दी हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने देशभक्त पार्टियों को समर्थन देने का ऐलान किया है। हालांकि उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया है। बताया जा रही है कि पार्टी इस बारे में जल्दी ही फैसला करेगी कि वह किसे समर्थन देगी। लेकिन साथ ही पार्टी ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी को वोट न करें।...

  • मस्क का न आना बड़ा मुद्दा बना?

    टेस्ला, ट्विटर और स्पेसएक्स के मालिक इलॉन मस्क का भारत आना एक मुद्दा बना था। कहा जा रहा था कि वे चुनाव के बीच भारत आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलते हैं और 25 हजार करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा करते हैं तो उससे चुनाव प्रभावित होगा। भारत में टेस्ला की फैक्टरी लगने की घोषणा होती तो भाजपा को इसका फायदा होता। लेकिन अब मस्क के भारत आने का कार्यक्रम टल गया है। उन्होंने खुद ही इसकी जानकारी दी और कहा कि वे इस साल के अंत में भारत का दौरा करेंगे। जब से उनके नहीं आने की खबर...

  • चुनावी बॉन्ड पर क्यों आक्रामक?

    राजनीतिक चंदे के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड की योजना को सुप्रीम कोर्ट ने जब अवैध घोषित किया और उस पर रोक लगाई तब से भारतीय जनता पार्टी सदमे में है और बैकफुट पर भी है। पार्टी के नेताओं को समझ में नहीं आया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कैसे आलोचना करें और चुनावी बॉन्ड की योजना का कैसे बचाव करें। इसका नतीजा यह हुआ कि विपक्ष को इसे भ्रष्टाचार बताने का मौका मिल गया। सभी विपक्षी पार्टियों ने चुनाव में इसे मुद्दा बनाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का तो जाति गणना और आरक्षण के...

  • चुनावी बॉन्ड में आगे क्या होगा?

    क्या चुनावी बॉन्ड का कानूनी मामला सुलझ गया? सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवैध घोषित कर दिया और इस पर रोक लगा दी तो आगे क्या? एक बड़ा वर्ग है, जो मान रहा है कि कानूनी पक्ष निपट गया है और राजनीतिक फैसला आने वाला है। यानी लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाया है और देखना है कि देश की जनता इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। अगर इस बार के चुनाव में भाजपा को फिर से जीत मिलती है तो इसका मतलब होगा की देश की जनता ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया। जनता ने...

  • कौन राहुल की टिकट तय करेगा?

    राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ गाजियाबाद में प्रेस कांफ्रेंस की तो उनसे अमेठी में चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी तय करेगी कि वे लड़ेंगे या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि वायनाड से उनके लड़ने का फैसला भी पार्टी ने किया। अब सवाल है कि पार्टी में कौन आलाकमान है, जो तय करेगा कि वे अमेठी से लड़ेंगे या नहीं? आलाकमान तो खुद राहुल गांधी हैं। उनको तय करना है कि वे एक सीट से लड़ेंगे या दो सीट से और दूसरी सीट से लड़ेंगे तो...

  • कांग्रेस में अब भी अटकी है घोषणा

    ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने सिर्फ रायबरेली और अमेठी सीटों से उम्मीदवार की घोषणा रोकी है। चौथे से सातवें चरण तक में होने वाले चुनाव की कई सीटों पर घोषणा रूकी है। गौरतलब है कि अभी चौथे चरण के लिए नामांकन का काम चल रहा है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल। इसके अगले दिन 26 अप्रैल से पांचवें चरण के लिए नामांकन शुरू होंगे। सो, चार चरण की कई सीटों के लिए नामों की घोषणा नहीं हुई। इसमें बिहार और हरियाणा की सीटें भी हैं। हरियाणा की तो किसी भी सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं...

  • उफ!राहुल की ऐसी विचारधारा लड़ाई

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरे देश में विचारधारा की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र को खत्म कर रही है। वह विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करके जेल में डाल रही है, जबकि कांग्रेस लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए लड़ रही है। राहुल ने वादा किया है कि कांग्रेस की सरकार बनी तो केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर लगाम लगेगी। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को बड़ा मुद्दा बनाया हैं। लेकिन चाहते हैं कि केरल के मुख्यमंत्री...

  • ईडी और केजरीवाल का अलग ही तमाशा

    देश में लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं और उसके बीच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक अलग ही स्तर का तमाशा चल रहा है। केजरीवाल न कितनी बार खाना खाया, क्या खाया, आम खाया या नहीं, मिठाई खाई या नहीं इसकी बहस चल रही है। इस बहस के बीच ईडी ने दिल्ली का राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि केजरीवाल जेल में आलू पूड़ी, मिठाई और आम इसलिए खा रहे हैं ताकि उनका शुगर बढ़ जाए और उनको जमानत मिल जाए। सोचें, कैसी हास्यास्पद और बेसिरपैर की बात है। ईडी ने जेट...

  • रांची रैली में होंगी सुनीता केजरीवाल

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को पार्टी और दिल्ली की कमान सौंपे जाने की दिशा काम तेजी से चल रही है। इसी योजना के तहत सुनीता केजरीवाल रांची जाने वाली हैं। वे रविवार को रांची में होने वाली उलगुलान न्याय रैली में शामिल होंगी। एक महीने के भीतर विपक्षी गठबंधन की यह दूसरी रैली है, जिसमें वे शामिल होंगी। इससे पहले 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में उन्होंने हिस्सा लिया था और भाषण दिया था। उससे पहले झारखंड की जेल में बंद हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन दिल्ली पहुंची थीं...

  • बिहार में सबकी चिंता बढ़ी है

    बिहार में पहले चरण की चार सीटों पर मतदान के बाद दोनों गठबंधनों की चिंता बढ़ी है। दोनों के नेता हिसाब लगा रहे हैं और अपने अपने कोर वोट को लेकर चिंता में हैं। राजद और कांग्रेस के महागठबंधन का कोर वोट भी पहले चरण में टूटने की खबर है तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के कोर वोट में भी बिखराव है। बिहार में पहले चरण की जिन चार सीटों पर मतदान हुआ उनमें से नवादा और औरंगाबाद सीट पर राजद ने कुशवाहा उम्मीदवार उतारा था और खबर है कि कुशवाहा वोट का एक हिस्सा उनके साथ गया है।...

  • चुनाव का समय बदलने की जरुरत

    बिहार में चार सीटों पर महज 49 फीसदी मतदान हुआ। पिछली बार इन चार सीटों पर 53 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े थे। इसी तरह राजस्थान में 57 फीसदी और महाराष्ट्र में 61 फीसदी वोट पड़ा है। उत्तर प्रदेश में जैसे तैसे मतदान का आंकड़ा 60 फीसदी पहुंचा। पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़ दें तो उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में आंकड़ा बहुत उम्मीद जगाने वाला नहीं है। इसका एक कारण भीषण गरमी है। अप्रैल के अंत में ही देश के कई हिस्सों में भारी गरमी पड़ रही है। देश के 11 राज्यों में हीटवेव चल रही है और कम...

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