Wednesday

02-07-2025 Vol 19

संपादकीय

आखिरकार हुई कार्रवाई

आखिरकार हुई कार्रवाई

उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है।
अग्नि-परीक्षा का वक्त

अग्नि-परीक्षा का वक्त

खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में अमेरिकी जांच एक ठोस नतीजे पर पहुंच गई है।
जांच का ये अंदाज!

जांच का ये अंदाज!

छेड़छाड़ इस तरह की गई, जिससे शाह को यह कहते सुना गया कि भाजपा सरकार आरक्षण को खत्म कर देगी। आरक्षण आम चुनाव में एक गर्म मुद्दा बन गया...
मणिपुर का क्या होगा?

मणिपुर का क्या होगा?

बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए राज्य सरकार ने एकतरफा नजरिया अपनाया। केंद्र की भूमिका भी संदिग्ध रही है। नतीजा, मणिपुर का एक नासूर...
क्योंकि जड़ कमजोर है

क्योंकि जड़ कमजोर है

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक दूरसंचार, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक आदि से संबंधित उत्पादन में चीन से आयातित पाट-पुर्जों का हिस्सा बढ़ता चला जा रहा है।
माहौल में बारीक बदलाव?

माहौल में बारीक बदलाव?

अंतिम परिणाम जानने के लिए हमें चार जून तक इंतजार करना होगा। फिलहाल यह जरूर कहा जा सकता है कि एक जैसी ही सियासत से जनता में एक थकान...
विश्वास हो कैसे बहाल?

विश्वास हो कैसे बहाल?

सुप्रीम कोर्ट ने सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती करने की गुजारिश ठुकरा दी।
ग्राहक सुरक्षा की उपेक्षा

ग्राहक सुरक्षा की उपेक्षा

जब इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का चलन बढ़ता जा रहा है, उस दौर में रिजर्व बैंक के नियमों पर गंभीरता से अमल ना करना ग्राहकों को खतरे में डालना...
हंगामा है क्यूं बरपा?

हंगामा है क्यूं बरपा?

सैम पित्रोदा ने सिर्फ अमेरिका में मौजूद एक कानून की बात की। उस कानून में निहित सार्वजनिक हित की भावना का उन्होंने जिक्र किया।
भरोसा तो नहीं बंधता

भरोसा तो नहीं बंधता

टेक क्षेत्र की 20 दिग्गज कंपनियों की साझेदारी है, जिसमें उन्होंने 2024 में हो रहे सभी चुनावों में खतरनाक और नुकसानदेह कंटेंट से निपटने का इरादा जताया है।
सूरत में बदसूरती

सूरत में बदसूरती

सवाल है कि कांग्रेस नेतृत्व ने ऐसे व्यक्ति को कैसे लोकसभा जैसे महत्त्वपूर्ण चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया?
हथियारों का चमकता धंधा

हथियारों का चमकता धंधा

इस वक्त हथियारों, गोला-बारूद और दूसरे सैन्य साज-ओ-सामान पर विभिन्न देश जितना धन खर्च कर रहे हैं, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ।
भयाक्रांत करने के सहारे?

भयाक्रांत करने के सहारे?

अर्बन नक्सल, माओवादी और कम्युनिस्ट- इन तीन शब्दों से भयाक्रांत करने की रणनीति भाजपा ने अपनाई है
आम रुझान के विपरीत

आम रुझान के विपरीत

एक बड़ा सवाल यह है कि जिस देश में हालिया दशकों में आम रुझान मतदान को लेकर जन उत्साह बढ़ने का रहा है, वहां अचानक  उदासीनता क्यों दिखी है?...
चुनाव आयोग को चुनौती

चुनाव आयोग को चुनौती

शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने खुलेआम निर्वाचन आयोग की नाफरमानी करने का एलान किया है।
बोइंग कथा के सबक

बोइंग कथा के सबक

बोइंग के बुरे दिन 2018-19 में शुरू हुए, जब उसके दो विमान तकनीकी कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हो गए।
‘समरसता’ में तनाव?

‘समरसता’ में तनाव?

मुमकिन है कि राजपूत जाति का भारतीय जनता पार्टी से “विद्रोह” दिखावटी हो और उससे भाजपा को असल में कोई नुकसान ना हो।
आया मतदान का मौका

आया मतदान का मौका

लोकसभा की 102 सीटों पर आज मतदान होगा। इसके साथ ही उस मैराथन प्रक्रिया का निर्णायक दौर शुरू हो गया है
दुनिया के लिए चेतावनी

दुनिया के लिए चेतावनी

अमेरिका की खराब राजकोषीय हालत ने आईएमएफ जैसी संस्थाओं के कान भी खड़े कर दिए हैँ। इससे दुनिया का चिंतित होना लाजिमी है।
कुछ सबक लीजिए

कुछ सबक लीजिए

सीमित अवसर वे लोग ही प्राप्त कर सकते हैं, जिन्हें बेहतर शिक्षा मिली होती है और जिनके पास तकनीकी कौशल होता है।
चाहिए विश्वसनीय समाधान

चाहिए विश्वसनीय समाधान

शक का माहौल आज इतना गहरा गया है कि समाज के एक बड़े हिस्से में चुनाव परिणामों की स्वीकृति का भाव घटता जा रहा है।
सरकारें जो चाहती हैं

सरकारें जो चाहती हैं

सुब्बाराव ने एक बहुत जरूरी विषय पर चर्चा छेड़ी है। अपनी किताब के लोकार्पण के मौके पर उन्होंने जो कहा, उस पर भी भारतवासियों को अवश्य ध्यान देना चाहिए।
समस्या से आंख मूंदना

समस्या से आंख मूंदना

देश चाहे जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए, लेकिन अगर करोड़ों युवा बेरोजगार बने रहते हैं, तो उससे असल में भारत का कोई भला नहीं होगा।
फटी शर्ट, ऊंची नाक

फटी शर्ट, ऊंची नाक

इस घोषणापत्र में नजरअंदाज कर दिया गया है, उनमें बेरोजगारी, महंगाई, उपभोग का गिरता स्तर और सुरसा की तरह बढ़ती आर्थिक गैर-बराबरी शामिल हैं।
भारत का डेटा संदिग्ध?

भारत का डेटा संदिग्ध?

पत्रिका ने आगाह किया है कि आंकड़ों के अभाव में धुंध पैदा करने से ऐसी स्थिति बनी है, जिसमें संभव है कि भारत के लोग अपनी स्थिति से अनजान...
युद्ध की फैली आग

युद्ध की फैली आग

इजराइल पर ईरान के जवाबी हमले के साथ पश्चिम एशिया में युद्ध की आग और फैल गई है। यह पहला मौका है, जब ईरान फिलस्तीनी युद्ध में सीधे शामिल...
एडवाइजरी किसके लिए?

एडवाइजरी किसके लिए?

भारत सरकार ने इजराइली सरकार के साथ बनी सहमति के तहत अपने यहां से श्रमिकों को वहां भेजने का फैसला किया।
चीन पर बदला रुख?

चीन पर बदला रुख?

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा बयान को चीन के बारे में भारत के रुख में एक बड़े बदलाव का संकेत माना जाना चाहिए?
चीन- रूस की धुरी

चीन- रूस की धुरी

ये धुरी पश्चिमी नेतृत्व वाली विश्व व्यवस्था के खिलाफ उभर रही है, जिसका पिछले साढ़े दशक में दुनिया पर एकछत्र प्रभाव रहा है।
निर्वाचन आयोग पर सवाल

निर्वाचन आयोग पर सवाल

ऐसे में यह जिम्मेदारी आयोग पर है कि वह विपक्षी आरोपों या धारणाओं को बेबुनियाद साबित करे।
विषमता की ऐसी खाई

विषमता की ऐसी खाई

भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया था कि 2022-23 में घरेलू बचत 5.1 प्रतिशत तक गिर गई है, 47 साल का सबसे निचला स्तर है।
इजराइल ने क्या पाया?

इजराइल ने क्या पाया?

अमेरिका ने विस्फोटक स्थिति की गंभीरता को समझा। उसने इजराइल को दो-टूक संदेश दिया कि वह युद्धविराम की वार्ता में शामिल हो।
इस उदारता का राज़?

इस उदारता का राज़?

भारत, पाकिस्तान और मिस्र जैसे अनेक व्याज उत्पादक देशों के प्याज निर्यात पर रोक लगा देने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज लगातार महंगा बना हुआ है।
कांग्रेस का ‘न्याय’ पत्र

कांग्रेस का ‘न्याय’ पत्र

कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को- जिसे उसने न्याय पत्र नाम दिया है- देश के लिबरल खेमे से खूब तारीफ मिली है।
अति-उत्साह में फजीहत

अति-उत्साह में फजीहत

भारत के आठ प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर हासिल करने संबंधी कोई अनुमान नहीं लगाया गया है।
इंसान की बढ़ी उम्र

इंसान की बढ़ी उम्र

लांसेट ने ध्यान दिलाया है कि कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में मौतें नहीं होतीं, तो जीवन प्रत्याशा बढ़ाने की दिशा में दुनिया में प्रगति और प्रभावशाली दिखती।
वीवीपैट की गिनती जरूरी

वीवीपैट की गिनती जरूरी

आवश्यक माना जाता है कि मतदाता सूची तैयार करने से लेकर चुनाव परिणाम की घोषणा तक का हर कदम विश्वसनीय ढंग से उठाया जाए।
न्यायिक रुतबा बना रहे

न्यायिक रुतबा बना रहे

संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून की व्याख्या और उस पर अमल को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी न्यायपालिका पर ही होती है।
एक गौरतलब चेतावनी

एक गौरतलब चेतावनी

अब विश्व बैंक ने भारत को आगाह किया है। विषय वही है यानी रोजगार के अवसरों का अभाव- एक ऐसी सूरत जिसमें तेज आर्थिक वृद्धि दर के साथ-साथ उतनी...
संबंध में पड़े पेच

संबंध में पड़े पेच

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिए अमेरिकी बयान पर भारत सरकार ने कड़ा विरोध जताया, लेकिन उससे अप्रभावित रहते हुए अमेरिका ने फिर से अपनी बात दोहरा दी।
चमक के नीचे अंधेरा?

चमक के नीचे अंधेरा?

बाजार के आंकड़ों से जाहिर है कि इस तबके की बदौलत भारत में लग्जरी कारों, घड़ियों, जेवरात, मकान और विलासिता की अन्य वस्तुओं की बिक्री में बड़ा इजाफा हुआ...
ये खेल हानिकारक है

ये खेल हानिकारक है

जहां तक इलाकों की अदला-बदली का सवाल है, तो यह कोई नई बात नहीं है। व्यापक राष्ट्र हित में कई बार सरकारें इस तरह के निर्णय लेती हैं।
मकसद की एकता बनी

मकसद की एकता बनी

आम चुनाव से ठीक पहले केंद्र ने विपक्ष को अपंग बना देने के लिए जिस आक्रामक अंदाज में सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया है, उसने विपक्ष को एकजुट होने...
दुनिया सब देखती है

दुनिया सब देखती है

कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज किए जाने से बने हालात पर संयुक्त राष्ट्र ने भी जो कहा है, उसे इस विश्व संस्था की तरफ से जताई गई चिंता के...
फिर किसके वश में?

फिर किसके वश में?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस कथन ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं कि उनके पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं हैं। Loksabha elections Nirmala Sitharaman
घर का सोना नीलाम

घर का सोना नीलाम

शिकायत है कि बड़ी संख्या में ऋण वितरण करने की होड़ में इन कंपनियों ने सोने की शुद्धता और वजन की बिना ठीक से जांच किए कर्ज वितरित किए...
साफगोई के लिए शुक्रिया!

साफगोई के लिए शुक्रिया!

नागेश्वरन की टिप्पणी का मतलब बहुत साफ है। बेरोजगारी की समस्या इतना विकराल रूप ले चुकी है कि सरकार ने अब उसके सामने हथियार डाल दिए हैँ।
मुंहदेखे रुख से मुश्किल

मुंहदेखे रुख से मुश्किल

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की खबरों पर नजर रखी हुई है।