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अमेरिका में अफरा-तफरी

टैरिफ

ट्रंप इमरजेंसी अधिकारों का इस्तेमाल कर बिना कांग्रेस में गए विभिन्न देशों पर मनमाने शुल्क लगा रहे थे। लेकिन अब अदालत ने कहा है कि अमेरिकी संविधान के मुताबिक सिर्फ कांग्रेस को अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को विनियमित करने का अधिकार है।

अमेरिका में कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ‘लिबरेशन डे’ यानी दो अप्रैल को घोषित ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ को अवैध ठहरा दिया है। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही आर्थिक आपातकाल अधिकार अधिनियम-1977 के तहत देश में आर्थिक इमरजेंसी की घोषणा की थी। उससे मिले अधिकारों के तहत ही वे बिना कांग्रेस (संसद) में गए विभिन्न देशों पर मनमाने शुल्क लगा रहे थे।

लेकिन अब अदालत ने कहा है कि अमेरिकी संविधान के मुताबिक सिर्फ कांग्रेस को अन्य देशों के साथ वाणिज्य को विनियमित करने का अधिकार है। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने ‘अनिर्वाचित जजों’ के खिलाफ नए सिरे से प्रचार अभियान छेड़ दिया है और ताजा निर्णय को चुनौती देने का एलान किया है, मगर फिलहाल ट्रंप का पूरा टैरिफ वॉर अधर में लटक गया है।

टैरिफ आदेश पर कोर्ट का बड़ा फैसला

इससे उनके द्वारा घोषित आयात शुल्कों का कानूनी आधार विवादित हो गया है, जिससे व्यापार जगत पर नया अनिश्चय छा गया है। उधर ट्रंप को एक और झटका इलॉन मस्क के उनके प्रशासन को अलविदा कह देने लगा है। ट्रंप ने टैक्स कटौती का ‘बिग एंड ब्यूटीफुल’ प्रस्ताव कांग्रेस के सामने रखा है, जिससे मस्क सहमत नहीं थे। मस्क को सरकारी खर्च घटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। टैक्स छूट को उन्होंने इस उद्देश्य के विपरीत माना। इस तरह ट्रंप का “प्रशासन में कुशलता लाने” का एजेंडा भी अधर में है।

इन नई परिस्थितियों से सबसे ज्यादा असहज स्थिति उन देशों के लिए पैदा होगी, जिन्होंने बिना प्रतिवाद किए ट्रंप की मांगों के आगे झुकने की अनावश्यक जल्दबाजी दिखाई। जबकि जिन देशों ने सब्र का परिचय दिया, वे आगे की सौदेबाजियों में बेहतर स्थिति में होंगे। गौरतलब है कि टैरिफ वॉर पर अमेरिका के अंदर आम सहमति का शुरू से अभाव है। डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े हिस्से के साथ-साथ वित्त एवं कारोबार जगत की बड़ी संस्थाएं और शख्सियतें भी इसका खुला विरोध करती रही हैं।

जैसे को तैसा शुल्कों के खिलाफ कुल सात याचिकाएं विभिन्न अदालतों में हैं, जिनमें से अभी एक में फैसला आया है। इसलिए अस्थिरता बनी रहने वाली है। अमेरिका के साथ-साथ विश्व व्यापार के लिए भी ये बुरी खबर है।

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Pic Credit: ANI

By NI Editorial

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