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16-05-2025 Vol 19

नेपाल में परेशान हैं भारतीय

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नेपाल एक समय हिंदू राष्ट्र था। दोनों देशों के लोगों के बीच रोटी, बेटी का संबंध था। जनकपुर धाम नेपाल में है, जिसे भगवान राम की ससुराल मानते हैं। पुराने मिथिला राज की राजधानी जनकपुर मानी जाती है। भारत के हजारों हिंदुओं का कारोबार नेपाल में है। सीमावर्ती शहरों का लगभग सारा कारोबार भारत के हिंदुओं के हाथ में है। नेपाल की 80 फीसदी आबादी हिंदू है। लेकिन पहले नीतिगत कारणों से भारतीय लोग नेपाली नागरिकों के निशाने पर आए और उसके बाद भारत के हिंदुओं को भी निशाना बनाया जाने लगा। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि भारत में हिंदू, मुस्लिम का विभाजन वहां भी पहुंच गया है। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पिछले साल अक्टूबर में एक बड़ा विवाद हुआ था, जिसकी वजह से कई दिन तक उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे नेपालगंज के बांके शहर में कर्फ्यू लगा। असल में किसी व्यक्ति ने इंटरनेट पर इस्लाम के प्रति कोई आपत्तिजनक कंटेंट डाल दिया था। इसके विरोध में मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। अगले दिन हिंदुओं ने शांति जुलूस निकाला तो जुलूस के ऊपर हमला हो गया। जम कर पथराव हुआ और गोलियां चलीं। वीडियो वायरल हुआ, जिसमें हिंदू भगवा ध्वज लिए हुए भाग रहे हैं और उन पर पत्थरों की बौछार हो रही है।

नेपाल में भले 80 फीसदी आबादी हिंदुओं की है लेकिन वहां भारतीय हिंदुओं की स्थितियां बहुत खराब है। भारत के लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है, जिससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। भू राजनीतिक कारणों से नेपाल की एक के बाद एक सरकारों ने भारत के प्रति विद्वेष की नीति अपनाई है। सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है तो चीन की दखल की वजह से भी नेपाल में भारत विरोधी भावनाएं भड़की हैं। भारत के हिंदू, जो वहां कारोबार किसी तरह से अपने को बचाए हुए हैं वे कारोबार बंद करके भारत लौट रहे हैं।

पिछले साल दो हजार रुपए का नोट बंद किए जाने के बाद अचानक ऐसी स्थितियां बनीं, जिनसे भारतीयों, हिंदुओं को बड़ा नुकसान हुआ। नेपाल ने एकतरफा तरीके से भारतीय मुद्रा पर पाबंदी लगा दी। एक सौ रुपए से ऊपर के मूल्य की सारी मुद्राएं प्रतिबंधित कर दी गईं। सौ रुपए से ऊपर की खरीदारी पर नजर रखी जा रही है और टैक्स लगाया जा रहा है। भारतीय मुद्रा रुपए का नेपाली रूपए के मुकाबले तेजी से अवमूल्यित हो रहा है। भारत के कानून के मुताबिक कोई भारतीय नागरिक 25 हजार रुपए नकद लेकर नेपाल जा सकता है लेकिन नेपाल अब इस नियम को भी नहीं मान रहा है। 25 हजार रुपए नकद रखने पर नेपाल में गिरफ्तार किया जा सकता है। नेपाल के इस रवैए से सीमा के आसपास के लोगों का सैकड़ों करोड़ रुपए का प्रतिदिन का कारोबार प्रभावित हो रहा है। नवंबर 2016 की नोटबंदी के समय से ही ऐसी स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के बीच इसे लेकर बातचीत भी हुई, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल सका। दूसरी ओर नेपाल के इस रवैए से तस्करी में बढ़ोतरी है। ड्रग्स और हथियारों से लेकर सोना और रोजमर्रा की जरुरत की चीजों की तस्करी हो रही है।

हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

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