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14-06-2025 Vol 19

यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का आगाज

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चारधाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक मां यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और समय तय कर दिया गया है। भक्तों के लिए यह एक अत्यंत हर्षोल्लास का अवसर है, जब वे मां यमुना के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे।

यमुना जयंती के पावन अवसर पर, खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि सुनिश्चित की गई।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया को शुभ और पवित्र माना जाता है, और इसी दिन मां यमुनोत्री धाम के द्वार खोले जाएंगे। 30 अप्रैल को रोहिणी नक्षत्र और सिद्ध योग में, शुभ लग्न के दौरान सुबह 11:55 बजे कपाट खुलेंगे।

इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को मां यमुना के दर्शन करने और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।

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खरसाली में हुई विधिवत घोषणा

चारधाम यात्रा में से मां यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ इस निर्णय की घोषणा की गई। मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्धारित तिथि और शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान और भव्य पूजा-अर्चना के साथ कपाट खोले जाएंगे।

हर वर्ष की भांति इस बार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां यमुनोत्री के दर्शन के लिए उमड़ेंगे। यात्रा के दौरान भव्य धार्मिक आयोजन किए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालु भाग लेकर आध्यात्मिक सुख प्राप्त करेंगे।

मंदिर समिति, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने इस शुभ अवसर के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

चारधाम यात्रा की महत्ता

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के चार पवित्र धामों – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – की तीर्थयात्रा है, जिसे हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।

मां यमुनोत्री धाम इस यात्रा का पहला पड़ाव होता है, जहां श्रद्धालु यमुना नदी के पवित्र जल में स्नान कर स्वयं को शुद्ध करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।

यमुनोत्री धाम का यह शुभ अवसर आस्था, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। सभी श्रद्धालु इस अवसर पर माता यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करने और पुण्य अर्जित करने के लिए बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

यमुनोत्री धाम के साथ चारधाम यात्रा का शुभारंभ

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधामों में से एक यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने की तिथि और समय की घोषणा के साथ ही इस पावन यात्रा का औपचारिक शुभारंभ हो गया है।

श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए यह अत्यंत हर्ष और उत्साह का अवसर है, क्योंकि मां यमुना के धाम के कपाट खुलते ही आध्यात्मिक चारधाम यात्रा का शुभ संचार हो जाएगा।

इस वर्ष, मां यमुनोत्री की डोली परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार सुबह 8:28 बजे खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यह धार्मिक अनुष्ठान अत्यंत श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण होता है, जहां मां यमुना की डोली को विदा करने के लिए उनके भाई शनिदेव महाराज स्वयं उपस्थित होंगे।

उनकी डोली भी भक्तों के साथ पवित्र यमुनोत्री धाम की ओर प्रस्थान करेगी, जहां विशेष पूजा-अर्चना के बाद भक्तगण मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे।

चारधाम यात्रा की कपाट खुलने की तिथियां

चारधाम यात्रा के अंतर्गत चारों पवित्र धामों के कपाट खुलने की तिथियों की भी विधिवत घोषणा हो चुकी है। इसके अनुसार—

गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को प्रातः 10:30 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे। यह शुभ अवसर मां गंगा की उपासना और उनके दिव्य दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को आमंत्रित करेगा।

इसी दिन, 30 अप्रैल को 11:55 बजे, यमुनोत्री धाम के कपाट भी भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे, जिससे आध्यात्मिक यात्रा और पूजा-अर्चना का शुभारंभ होगा।

इसके बाद, 2 मई को प्रातः 7:00 बजे, भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे, जहां भगवान शिव के भक्त उनकी महिमा का गुणगान करेंगे और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

अंत में, 4 मई को प्रातः 6:00 बजे, श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से प्रारंभ हो जाएगी। यहां भगवान विष्णु के भक्त उन्हें नमन कर अपनी यात्रा को सफल बनाएंगे।

यात्रा की विशेषता एवं श्रद्धालुओं के लिए संदेश

चारधाम यात्रा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र और जीवन को मोक्ष की ओर ले जाने वाली मानी जाती है। प्रत्येक वर्ष हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेकर धर्म और अध्यात्म के इस महान संगम में डुबकी लगाते हैं।

उत्तराखंड की पवित्र वादियों में स्थित ये चारों धाम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि यहां की नैसर्गिक सुंदरता और आध्यात्मिक ऊर्जा से भी श्रद्धालुओं को असीम शांति और दिव्यता की अनुभूति होती है।

जिन श्रद्धालुओं ने इस यात्रा के लिए तैयारी कर ली है, उनके लिए यह समय आस्था और उत्साह से भरा हुआ है। यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए सभी भक्तों को सरकार और प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा।

भगवान बद्रीविशाल, केदारनाथ, मां गंगा और मां यमुना सभी भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें और यह यात्रा सभी के लिए मंगलकारी हो!

जय मां यमुना! जय बाबा केदार! जय बद्रीविशाल! जय मां गंगे!

Naya India

Naya India, A Hindi newspaper in India, was first printed on 16th May 2010. The beginning was independent – and produly continues to be- with no allegiance to any political party or corporate house. Started by Hari Shankar Vyas, a pioneering Journalist with more that 30 years experience, NAYA INDIA abides to the core principle of free and nonpartisan Journalism.

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