इम्फाल। जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में सेना के एक अधिकारी को अगवा कर लिया गया है। कोई एक साल पहले शुरू हुई हिंसा के बाद यह चौथा मामला है, जब सेना के अधिकारी या जवान को अगवा किया गया है। सैनिकों के अलावा पिछले दिनों राजधानी इम्फाल के एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अधीक्षक यानी एएसपी को अगवा कर लिया गया था। पुलिसकर्मियों ने इसका बहुत तीव्र विरोध किया था। उन्होंने अपने हथियार सरेंडर कर दिए थे। बाद में इशारों में कहा गया था कि ऐसे हालात रहे तो पूरे प्रदेश में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी अफ्सपा लगाने की स्थिति पैदा हो जाएगी।
बहरहाल, ताजा घटना मणिपुर के थौबल की है, जहां से भारतीय सेना के जूनियर कमीशंड अधिकारी यानी जेसीओ को शुक्रवार, आठ मार्च को उनके घर से अगवा कर लिया गया। जवान की पहचान चारंगपत ममांग लीकाई के रहने वाले कोनसम खेड़ा सिंह के रूप में हुई है। कोनसम छुट्टी पर थे। बताया जा रहा है कि कुछ लोग शुक्रवार सुबह नौ बजे उनके घर में घुस आए और उन्हें एक गाड़ी बांधकर ले गए। पुलिस ने कहा अपहरण का कारण पता नहीं चल पाया है। गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा चल रही है।
शुक्रवार को सैन्य अधिकारी के अपहरण के मामले में अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह जबरन वसूली का मामला है, क्योंकि कोनसम के परिवार को पहले भी इस तरह की धमकियां मिल चुकी थीं। इस बीच सुरक्षा बलों ने सेना के जवान को बचाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए एनएच 102 से आने-जाने वाली सभी गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई 2023 से चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 219 लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 11 सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और राज्य में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से यह चौथी घटना है, जिसमें छुट्टी पर आए या ड्यूटी पर तैनात किसी सैनिक या उनके रिश्तेदारों को निशाना बनाया गया है। सबसे पहले सितंबर 2023 में असम रेजिमेंट के रिटायर सैनिक सर्टो थांगथांग कोम को अज्ञात सशस्त्र लोगों के समूह ने अगवा किया था। बाद में उनकी हत्या कर दी थी। सर्टो डिफेंस सर्विस कोर, डीएससी में मणिपुर के लीमाखोंग में तैनात थे।
नवंबर में तो जम्मू कश्मीर में तैनात सेना के एक जवान के परिवार के चार लोगों का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था और बाद में हत्या कर दी थी। पिछले महीने 27 फरवरी को मैती समुदाय के लोगों ने राजधानी इम्फाल के एक एएसपी अमित को अगवा कर लिया था। अमित ने कुछ दिन पहले वाहन चोरी के मामले में मैती समुदाय के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। एएसपी को अगवा किए जाने के खिलाफ पुलिस ने दो दिन तक प्रदर्शन किया था और अपने हथियार जमा कर प्रतीकात्मक रुप से ड्यूटी से अलग रहने का संदेश दिया था।