कोलकाता/नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ सीबीआई की टीम संदेशखाली पहुंची और जांच शुरू की। इस बीच संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के कलकता हाई कोर्ट के फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट 29 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करेगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले सीबीआई ने शुक्रवार यानी 26 अप्रैल को संदेशखाली में कई जगहों पर तलाशी ली। इस दौरान जांच एजेंसी ने विदेशी पिस्तौल सहित कई हथियार, बम और गोला बारूद बरामद किया। इसके बाद एनएसजी कमांडो भी संदेशखाली पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि यह तलाशी पांच जनवरी को शाहजहां शेख के घर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय, ईडी की टीम पर हमले से जुड़ी है। गौरतलब है कि ईडी की टीम पांच जनवरी को राशन घोटाला मामले में शाहजहां के ठिकानों पर छापा मारने गई थी। उस दिन करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे।
इसकी शिकायत मिलने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को एफआईआर करने का आदेश दिया था। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार 25 अप्रैल को सीबीआई ने संदेशखली में जमीन हड़पने और महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण केस में पहली एफआईआर दर्ज की। मामले में पांच आरोपियों के नाम शामिल हैं। इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि सीबीआई कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई दो मई को होगी।