नई दिल्ली। विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर बुधवार को संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय तक मार्च निकालने और जांच एजेंसी को एक शिकायत सौंपने का निर्णय लिया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह विरोध मार्च दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर संसद भवन से शुरू होगा और इसमें विभिन्न विपक्षी दलों के सांसद हिस्सा लेंगे।
अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
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उल्लेखनीय है कि ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) के दामों में वृद्धि को लेकर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और सरकार से जवाब मांगा। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने घरेलू रसोई गैस के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संबंध में जवाब देना चाहिए।
अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे को लेकर सरकार पर अपने हमले तेज करते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को सवाल किया था कि अडाणी समूह द्वारा बिजली उपकरणों के आयात से जुड़े मामले की राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की जांच पूरा होने में आठ साल से अधिक का समय क्यों लग गया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि डीआरआई ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के उस फैसले के खिलाफ अपील क्यों नहीं की जिसमें 2013 के एक आदेश को रद्द कर दिया गया था। इस आदेश में अडाणी समूह की कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया था। (भाषा)